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गेहूं की सरकारी खरीद लक्ष्य से 20 लाख टन कम

Source : business.khaskhabar.com | Jun 05, 2019 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 wheat 20 million tonnes less than the procurement target 385863नई दिल्ली। देशभर में गेहूं की सरकारी खरीद चालू सीजन में 337 लाख टन हुई है, जोकि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 357 लाख टन से अभी 20 लाख टन कम है और जहां कहीं भी अभी खरीद चल रही हैं वहां इसकी रफ्तार काफी सुस्त है।

उत्तर प्रदेश को छोडक़र बाकी राज्योंं पर तकरीबन ठप पड़ चुकी है, क्योंकि किसान सरकारी एजेंसियों को अब गेहूं बेचने को नहीं आ रहे हैं। देशी शीर्ष सरकारी एजेंसी एफसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भी गेहंू खरीद की रफ्तार सुस्त चल रही है।

गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा में सरकारी एजेंसियों ने इस सीजन में न सिर्फ पिछले साल से ज्यादा गेहूं खरीदा है, बल्कि लक्ष्य से ही ज्यादा खरीदा है। लेकिन अन्य राज्यों में गेहूं की खरीद कम होने की वजह से पूरे देश के लिए तय लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल लग रहा है।

एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौजूदा खरीद की रफ्तार को देखने के बाद लगता है कि इस साल गेहूं की कुल खरीद 340 लाख टन के आसपास ही रहेगी क्योंकि ज्यादातर जगहों पर खरीद रुक चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘गेहूं की कुल खरीद के परिमाण में जो कुछ भी इजाफा होगा वह उत्तर प्रदेश में ही होगा, लेकिन वहां भी इस साल खरीद सुस्त चल रही है।’’

गौरतलब है कि आईएएनएस ने 22 मई को अपनी रिपोर्ट में इस बात पर आशंका जताई थी कि इस साल केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।

एफसीआई सूत्रों ने बताया कि मध्यप्रदेश में कई जगहों पर गेहूं की आवक रुक गई है और अन्य जगहों पर भी गेहूं की खरीद की रफ्तार सुस्त पड़ गई है।

उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद की आखिरी तिथि 15 जून है, जबकि कुछ जगहों पर गेहूं की खरीद  30 जून तक चलेगी, लेकिन वहां खरीद का परिमाण नगण्य रहता है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की ओर से मंगलवार को मिली जानकारी के अनुसार, चालू सीजन में देशभर में सरकारी एजेंसियों ने अब तक 337 लाख टन गेहूं सीधे किसानों से खरीदा है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 343 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। पिछले साल की तरह इस साल भी पंजाब में सबसे ज्यादा 129.12 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जबकि पिछले साल 126 लाख टन की खरीद हुई थी।

हरियाणा में सरकारी एजेंसियों ने 93.23 लाख टन गेहूं खरीदा है, जबकि पिछले साल 87 लाख टन खरीदा गया था। मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद 67.25 लाख टन हुई है जबकि पिछले साल प्रदेश में 69.67 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में इस साल अब तक 33.79 लाख टन गेूहं की खरीद हो पाई है, जबकि पिछले साल इस दौरान 43.58 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। सरकार ने प्रदेश में इस सीजन में 50 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा है।

प्रदेश के एक कारोबारी ने बताया कि ज्यादातर किसानों ने गेहूं बेचना रोक रखा है क्योंकि वे आगे भाव अधिक मिलने की उम्मीद पाल रखे हैं।

केंद्र सरकार ने इस साल देशभर में 357 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले सीजन 2018-19 में सरकारी खरीद एजेंसियों ने देशभर में 357.95 लाख टन गेहूं की खरीद की थी।

कारोबारी सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश और राजस्थान में गेहूं का दाम बाजार में सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,840 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चल रहा है। यही कारण है कि किसानों ने सरकारी एजेंसियों के बजाय निजी कारोबारियों को गेहूं बेचना शुरू कर दिया है।

भोपाल के के जींस कारोबारी अमित खंडेलवाल ने बताया कि इस प्रदेश में गेहूं का भाव मंडियों में पिछले करीब एक महीने से तेज चल रहा है, इसलिए किसान मंडी ही गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं।

केंद्र्रीय कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा फरवरी में जारी दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, इस साल देश में गेहूं का उत्पादन 99.12 करोड़ टन हो सकता है।

(आईएएनएस)

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