businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

EMI 3 महीने न देने वालों को देना होगा अतिरिक्त ब्याज

Source : business.khaskhabar.com | Mar 29, 2020 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 those not paying emi 3 months will have to pay extra interest 435860नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रकोप से देशभर में छाई आर्थिक मंदी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कर्जदाताओं को अगले तीन महीनों के लिए घर या ऑटो ऋण पर ईएमआई का भुगतान नहीं करने की सहूलियत दी है। आरबीआई की इस घोषणा के बाद अगर आप भी अगले तीन महीनों तक ईएमआई न देने का विचार कर रहे हैं तो आपको अपने बकाया ऋण पर अधिक ब्याज देने के लिए तैयार रहना चाहिए।

विश्लेषकों और विशेषज्ञों का कहना है कि इसका लाभ लेने वाले ग्राहकों की तीन किस्त तो बढ़ ही जाएगी, इन तीन महीनों की अवधि का अतिरिक्त ब्याज भी देना होगा, जो तीन महीने के अंत में आपकी ईएमआई में जोड़ा जाएगा। इससे आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी।

उदाहरण के तौर पर अगर आप 1000 रुपये ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं और बैंक 10 फीसदी की दर से ब्याज ले रहा है तो आपको तीन महीनों बाद अपनी इन तीनों ईएमआई पर 25-25 रुपये ज्यादा देने होंगे। यह अतिरिक्त ब्याज आपकी भविष्य की सभी ईएमआई में जोड़ा जा सकता है।

वित्तीय क्षेत्र के एक विश्लेषक ने बताया, ग्राहकों को इस अतिरिक्त ब्याज का भुगतान एक साथ करना होगा या इसे अतिरिक्त ईएमआई के रूप में समायोजित करने की अनुमति दी जाएगी, यह बात बैंक को बतानी चाहिए।

दरअसल, आरबीआई ने टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट दी है। सभी वाणिज्यिक, क्षेत्रीय, ग्रामीण, एनबीएफसी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सभी तरह के टर्म लोन की ईएमआई वसूलने से रोक दिया गया है। ग्राहक खुद चाहें तो भुगतान कर सकते हैं, बैंक दबाव नहीं डालेंगे।

वहीं क्रेडिट कार्ड के बकाया भुगतान पर भी तीन महीने की छूट लागू होगी। इसके तहत अगले तीन महीने तक ऐसे किसी भी व्यक्ति के खाते से किश्त नहीं कटेगी, जिन्होंने कर्ज ले रखा है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर नहीं पड़ेगा। तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा। तीन महीने की अवधि के बाद आपकी ईएमआई दोबारा शुरू हो जाएंगी। हालांकि, इसके ये मायने नहीं हैं कि बकाया कभी चुकाना ही नहीं होगा, मोहलत सिर्फ तीन महीने की है। बाद में भुगतान करना ही होगा।

यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि लॉकडाउन की वजह से जिनके पास वाकई नकदी की कमी होती है तो उन्हें कर्ज के भुगतान में कुछ समय मिल सके। (आईएएनएस)

[@ दुष्कर्म का शिकार होते बचीं फराह ]


[@ इस दिशा में हो मंदिर, तो घर में होती है कलह]


[@ गोवा के लिए खतरा बना देह व्यापार का धंधा ]