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शेयरों को गिरवी रखने का प्रचलन हर क्षेत्र की कंपनियों में

Source : business.khaskhabar.com | Feb 23, 2019 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 the prevalence of pledging of shares in companies of every sector 370408मुंबई। देश की कॉर्पोरेट द्वारा प्रमोटरों के शेयरों को गिरवी रखने का प्रचलन न सिर्फ ऊर्जा और अवसंरचना कंपनियों में है, बल्कि सभी क्षेत्रों की कंपनियों के प्रमोटर वित्त की तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए शेयरों को गिरवी रखते हैं।

कोटक इंस्टीट्यूशन इक्विटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर तक कुल 116 कंपनियों के प्रमोटरों ने अपने शेयर गिरवी रखे थे।

इन 116 कंपनियों में सभी सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं, जिसमें इंडियाबुल्स रियल एस्टेट, कॉफी डे एंटरप्राइजेज, जैन इरीगेशन सिस्टम्स, इंफिबीम एवेन्यूज और जिंदल स्टील एंड पावर के प्रमोटरों ने अपनी काफी अधिक हिस्सेदारी गिरवी रखी है।

एंजेल ब्रोकिंग के मयूरेश जोशी का कहना है, ‘‘साल 2014 के बाद गिरवी रखने का प्रचलन बढ़ा है, जब एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) आक्रामक रूप से कर्ज के कारोबार में उतरी। साल 2017 तक यह प्रचलन खूब बढिय़ा तरीके से चला, क्योंकि मिड कैप और स्मॉलकैप शेयरों में अच्छा रिटर्न मिला। लेकिन जैसे ही बाजार में करेक्शन शुरू हुआ तो इन पर मिलने वाला रिटर्न बंद हो गया और निवेशकों के कर्ज के फंसने का खतरा पैदा हो गया है।’’

गौरतलब है कि सीजी पॉवर एंड इंडस्ट्रियल, क्वालिटी, आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क, हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन को, जिंदल स्टेनलेस हिसार के प्रमोटरों ने अपनी 90 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी गिरवी रखी हुई है।

कोटक की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि प्रमोटरों द्वारा शेयर गिरवी रखने का मतलब यह नहीं है कि कंपनी या प्रमोटर वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं, बैंक (कर्जदाता) अतिरिक्त सुरक्षा के लिए प्रमोटरों के शेयरों को गिरवी रखते हैं।

(आईएएनएस)

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