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जून में खुदरा महंगाई 5 फीसदी बढ़ी, मई में औद्योगिक उत्पादन गिरा

Source : business.khaskhabar.com | July 13, 2018 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 retail inflation jumped 5 percent in june industrial production dropped in may 326565नई दिल्ली। देश में खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढक़र 5 फीसदी रही, जोकि मई में 4.87 फीसदी थी। वहीं, औद्योगिक उत्पादन मई में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढक़र जबकि पिछले महीने की तुलना में घटकर 3.2 फीसदी रहा। पिछले महीने औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.9 फीसदी थी। आधिकारिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति की औसत सालाना दर 1.46 फीसदी थी।

जून में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) 2.91 फीसदी रही। हालांकि यह पिछले महीने की तुलना में कम रही। जून में सब्जियों में मुद्रास्फीति दर घटकर 7.8 फीसदी रही, जो कि मई में 8.04 फीसदी थी।

‘ईंधन और ऊर्जा’ श्रेणी की सीपीआई दर जून में 7.14 फीसदी रही, जोकि मई में 5.8 फीसदी थी।

पिछले महीने महंगाई बढ़ाने में कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों का भी योगदान रहा जो 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर की दर पर है।

देश का औद्योगिक उत्पादन मई में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में बढक़र 3.2 फीसदी रहा, जबकि अप्रैल की तुलना में इसमें गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन 4.9 फीसदी था।

केंद्रीय साख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने गुरुवार को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के मासिक आंकड़े जारी किए।

सीएसओ ने एक बयान में कहा, ‘‘औद्योगिकी समूह ‘कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों के विनिर्माण’ में सबसे अधिक 27.0 फीसदी की सकारात्मक तेजी दर्ज की गई। इसके बाद ‘मोटर वाहन, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स’ के विनिर्माण में 21.1 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और ‘फर्नीचर निर्माण’ में 13.2 फीसदी की तेजी रही।’’

बयान में कहा गया, ‘‘वहीं दूसरी तरफ, औद्योगिक समूह ‘अन्य विनिर्माण’ में सबसे अधिक नकारात्मक वृद्धि दर (-)31.9 फीसदी दर्ज की गई। इसके बाद ‘तंबाकू उत्पादों के निर्माण’ में (-)15.6 फीसदी की गिरावट रही और ‘पहननेवाले परिधान’ में (-)12.8 फीसदी की गिरावट रही।’’

आईआईपी आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए डेलोइट इंडिया के प्रमुख अर्थशास्त्री अनीस चक्रवर्ती ने एक बयान में कहा, ‘‘विनिर्माण में सबसे अधिक सुस्ती रही, जबकि खनन और बिजली में तेजी रही। वैश्विक परिवर्तनों के कारण अर्थव्यवस्था में जोखिम बरकरार है।’’

यस बैंक समूह के अध्यक्ष शुभदा राव ने कहा, ‘‘हमने अभी तक एक और दर वृद्धि के ‘जोखिम’ को नहीं हटाया है। खाद्य मूल्य में तेजी के कारण आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) अभी दरों में और एक बढ़ोतरी कर सकता है।’’
(आईएएनएस)

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