अब खुदरा और एसएमई ऋण की गुणवत्ता भी खराब होगी : मूडीज
Source : business.khaskhabar.com | Jun 04, 2020 |
नई दिल्ली। वैश्कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेंस्टर्स सर्विस ने भारत
की सॉवरेन रेटिंग घटाने के कुछ दिनों बाद बुधवार को कहा है कि अब खुदरा और
एसएमई ऋणों की गुणवत्ता में भी गिरावट आएगी।
भारत के सॉवरेन डॉउनग्रेड के पीछे के प्रमुख कारणों को गिनाते हुए मूडीज ने कहा कि वित्तीय प्रणाली पर जोखिम बढ़ रहा है।
कुछ
सेक्टर कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले ही तनावग्रस्त थे। एनबीएफआई के लिए
संपत्तियां और देनदारियां दोनों निकट भविषय में तनावग्रस्त होंगी, जो कि
बैंक ऋणों का लगभग 10-15 प्रतिशत है।
निजी विद्युत सेक्टर पर आठ-10 प्रतिशत बैंक ऋण हैं। ऑटो वैल्यू चेन में ज्यादातर ऋणदाता बैंक निजी क्षेत्र के हैं।
मूडीज ने कहा है कि अब खुदरा और एसएमई ऋण की भी गुणवत्ता बिगड़ेगी, जो कुल ऋण का 44 प्रतिशत है।
मूडीज
इनवेंस्टर्स सर्विस ने कहा है कि नीति नियामक संस्थाएं निम्न वृद्धि दर,
कमजोर राजकोषीय स्थितियों और वित्तीय क्षेत्र के बढ़ते तनाव से बढ़ रही
चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
इसने कहा है कि वित्तीय प्रणाली पर
जेखिम बढ़ रहा है। "रेटिंग्स और अधिकांश रेटेड बैंकों के अलग-अलग आंकलनों
पर हमारी रेटिंग का संकेत नीचे की तरफ है।"
मूडीज ने कहा, "80
प्रतिशत से अधिक रेटेड नॉन-फायनेंसिंग कंपनियों का परिदृश्य नकारात्मक है
या डाउनग्रेड के लिए समीक्षाधीन है। दो-तिहाई रेटेड अवसंरचना पोर्टफोलियो
का एक नेगेटिव पक्ष है।"
एजेंसी ने कहा है कि भारत का कर्ज का बोझ इसके समकक्षों से अधिक बना हुआ है और घाटा एफआरबीएम लक्ष्य से नीचे आ गया है।
इसने
कहा कि भारत में सुस्ती कोरोनावायरस के प्रकोप से पहले ही स्पष्ट थी,
क्योंकि उसके कारक महामारी से पहले ही विकसित हो रहे थे और जोखिम नवंबर
2019 से ही बढ़ रहा था। (आईएएनएस)
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