नई दिल्ली। प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ाए जाने की आम आदमी पार्टी की आम चुनाव पूर्व आशंका को मूर्त रूप दिए जाने की सभी तैयारियों के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस बात से इनकार किया है कि उसे नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से हाइड्रोकार्बन की मूल्यवृद्धि का कोई आश्वासन मिला है। आप लगातार यह आरोप लगाती रही है कि मोदी रिलायंस को प्राकृतिक गैस की मनमानी कीमत दिलाने पर आमादा हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी हालांकि आश्वासन पत्र जारी किए जाने से इनकार कर रहे हैं। आप ने एक पत्र भेजकर नई सरकार से रिलायंस इंडस्ट्रीज को गैस की कीमत को लेकर भेजे पत्र को सार्वजनिक करने की मांग की है।
बता दें, दो दिनों पहले समाचार माध्यमों में अगले महीने प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ने की आशंका जाहिर की गई थी। इस मूल्यवृद्धि से गैस आधारित बिजली, उर्वरक और राष्ट्रीय राजधानी सहित कई शहरों में वाहनों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल की जा रही सीएनजी महंगी हो जाएगी और अच्छे दिन आने से पहले लोगों पर महंगाई की मार पडेगी। गैस की कीमत अप्रैल से बढाने का प्रस्ताव संप्रग सरकार ने किया था क्योंकि पुराने मूल्य का करार 31 मार्च को ही खत्म हो गया था। लेकिन आप की आपत्ति के बाद निर्वाचन आयोग ने चुनाव संपन्न होने तक इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा है, 3 अप्रैल के हमारे पत्र के जवाब में 21 अप्रैल को मिले संदेश के बाद कोई संदेश नहीं मिला है। कंपनी ने हालांकि उस पत्र के मजमून के बारे में खुलासा नहीं किया है। रिलायंस के प्रवक्ता ने कहा,शराफत यही कहती है कि इस तरह के गोपनीय पत्राचार का मजमून पत्र भेजने वाले से ही पता किया जाना चाहिए। पत्र के संबंध में पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा है कि यह ठेकेदार को दिया गया एक सामान्य स्पष्टीकरण था। यह साफ करते हुए कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्तासीन होने के बाद किसी तरह का पत्राचार नहीं किया गया है,पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि अप्रैल में भेजे गए पत्र में सिर्फ निर्वाचन आयोग के आदेश पर रखी गई यथास्थिति पर सफाई दी गई थी।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने अपना नाम जाहिर नहीं होने देने की शर्त पर बताया कि आयोग के आदेश पर स्पष्टीकरण में यह बताया गया था कि गैस की नई कीमत संबंधी अधिसूचना 1 जुलाई से शुरू हो रहे पखव़ाडे में की जा सकती है। उन्होंने कहा,शतोंü के मुताबिक गैस की कीमत हर पखवाडे के लिए एडवांस में अधिसूचित की जाती है। इसके बगैर नई कीमतें लागू नहीं हो सकती हैं। चूंकि हमें अधिसूचना को स्थगित रखने को कहा गया है तो यह स्वाभाविक है कि इस मामले में शीघ्रता बरतने पर भी हम 1 जुलाई से शुरू हो रहे पखवाडे में ही नई कीमतें जारी कर सकते हैं।