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मौद्रिक नीति समीक्षा में सख्त रुख अपना सकता है आरबीआई

Source : business.khaskhabar.com | July 31, 2018 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 rbi likely to harden monetary policy stance on wednesday 330554मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बुधवार को होने वाली घोषणा से पहले सोमवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई।

भारत में खुदरा महंगाई दर दोबारा पांच फीसदी के स्तर को पार कर गई है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में मौद्रिक नीति को लेकर सख्त रवैया अपनाया जा सकता है।

मौद्रिक नीति की घोषणा से पूर्व एमपीसी की इसी तरह की तीन दिवसीय बैठक इससे पहले जून में भी हुई थी जब आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दरों में कटौती के 2015 से जारी सिलसिले को तोड़ते हुए रेपो रेट को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दिया था।

आरबीआई ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में आई तेजी के कारण देश में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दर में वृद्धि की थी।

इससे पहले एमसीसी की बैठक मौद्रिक नीति की घोषणा से दो दिन पहले शुरू होती थी।

छह सदस्यीय एमपीसी ने चार साल से अधिक समय बाद और मोदी सरकार में पहली बार जून में सर्वसम्मति से ब्याज दर बढ़ाने के पक्ष में अपना मत दिया था।

खुदरा महंगाई इस साल जून में पांच फीसदी तक पहुंच गई, जबकि मई में 4.87 फीसदी थी। हालांकि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में महंगाई दर 4.8-4.9 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया था।

पिछले महीने महंगाई दर में बढ़ोतरी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 75 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा हो जाने के कारण हुई।

जून की मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा था कि महंगाई दर केंद्रीय बैंक के मध्यवर्ती लक्ष्य चार फीसदी से ज्यादा हो गई।

आरबीआई ने इससे पहले चार मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान रेपो रेट को यथावत छह फीसदी रखा था।

मौजूदा हालात में आरबीआई के रवैये को लेकर विश्लेषकों का विभाजित मत है, क्योंकि औद्योगिक उत्पाद वृद्धि दर अप्रैल के 4.9 फीसदी से घट मई में 3.2 फीसदी रह गई है।

डेल्टा ग्लोबल पार्टनर्स के संस्थापक व प्रमुख साझीदार देवेंद्र नेवगी ने कहा, ‘‘आगामी मौद्रिक नीति घोषणा में आरबीआई के रुख को लेकर बाजार में विभाजित मत है, क्योंकि एमपीसी अपने फैसले में महंगाई दर को तवज्जो दे सकती है, जबकि आरबीआई ने यथावत रवैया छोडक़र प्रगतिशील रवैया अपनाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई आंकड़ों को ध्यान में रखेगा और वृद्धि को लेकर सावधानी बरतेगा।’’
(आईएएनएस)1

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