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बुरे ऋण पर आरबीआई का सर्कुलर रद्द

Source : business.khaskhabar.com | Apr 03, 2019 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 rbi circular canceled on bad credit 376714नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने नियमित क्षेत्र को भारी राहत देते हुए मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 12 फरवरी, 2018 के उस विवादास्पद सर्कुलर को रद्द कर दिया, जिसमें 2,000 करोड़ या उससे ऊपर के ऋण को दिवालिया घोषित होने की तिथि से छह महीने के अंदर उसके समाधान या पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार दिया गया था।

180 दिनों की मियाद पूरी हो जाने के बाद अब रद्द हो चुके सर्कुलर के तहत दिवालिया घोषित उधारीकर्ताओं को दिवालिया एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत प्रक्रिया का सामना करना अनिवार्य था।

न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन ने उद्योगों -बिजली, ऊर्वरक और चीनी- की तरफ से दाखिल याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘हमने आरबीआई के सर्कुलर को अवैध घोषित कर दिया है।’’

न्यायमूर्ति नरीमन के साथ पीठ में न्यामूर्ति विनीत सरन भी शामिल थे।

अदालत के फैसले से 2.2 लाख करोड़ रुपये के बुरे ऋण पर असर होगा।

न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा, ‘‘कथित सर्कुलर के तहत की गई सभी कार्रवाइयां, जिसके जरिए दिवालिया संहिता अस्तित्व में आया, भी कथित सर्कुलर के साथ रद्द हो जाएंगी।’’

फैसले में आगे कहा गया है, ‘‘इसके परिणामस्वरूप जिन मामलों में कर्जदारों के खिलाफ ऋणदाताओं ने दिवालिया संहिता की धारा सात के तहत कार्रवाइयां की हैं, वे सभी भी रद्द घोषित की जाती हैं।’’

आज रद्द किए गए आरबीआई के सर्कुलर में कहा गया है कि दिवाला एवं दिवालिया संहिता के पूर्व के चरण में जिस समय कोई वाणिज्यिक संस्था 2,000 करोड़ या इससे अधिक के ऋण को दिवालिया बोलता है, उसी दिन बैंक उस ऋण को सुलझाने के कदम उठाएंगे, जिसमें ऋण का पुनर्गठन भी शामिल होगा।

आरबीआई के 12 फरवरी के सर्कुलर के अनुसार, बैंकों को किसी दिवालिया घोषित खाते के लिए 180 दिनों के भीतर एक समाधान योजना को अंतिम रूप देना होगा, और ऐसा न हो पाने की स्थिति में दिवाला बोल चुकी संस्था के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की जाएगी।

ऊर्वरक, बिजली और चीनी की विनियमित क्षेत्र की कंपनियों ने कहा था कि उनकी कीमतें सरकार तय करती है और उन्हें समय पर भुगतान नहीं मिलता और इसलिए वे योजना के अनुरूप बैंकों को भुगतान नहीं कर सकतीं और वे विलफुल डिफाल्टर नहीं हैं और उनके साथ इस रूप में व्यवहार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा था कि आईबीसी के तहत समाधान योजना 270 दिनों की मोहलत देती है, लेकिन आरबीआई के सर्कुलर ने उसे घटाकर 180 दिन कर दिया है।
(आईएएनएस)

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