प्रस्तावित आईबीसी संशोधन बैंकों के लिए सकारात्मक : मूडीज
Source : business.khaskhabar.com | July 26, 2019 |
मुंबई। रेटिंग एजेंसी मूडीज की इन्वेस्टर्स सर्विस की ओर से गुरुवार को
दिवाला कोड (आईबीसी कोड) में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को
बैंकों के लिए सकारात्मक करार दिया।
मूडीज के अनुसार, आईबीसी संशोधन बैंकों के लिए साख-सकारात्मक (क्रेडिट पॉजिटिव) है।
केंद्रीय
मंत्रिमंडल ने 18 जुलाई को दिवालिया कानून (इन्सॉल्वेंसी एंड ब्रैंकरप्सी
कोड-आईबीसी) में प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी प्रदान की।
मूडीज
ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रस्तावित संशोधनों का मकसद कोड को प्रभावोत्पादक
बनाना है और तीन प्रस्तावों में भारतीय बैंकों के लिए साख-सकारात्मक आशय
संबद्ध है।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘इसमें कर्जदाताओं की समिति को
समाधान प्रक्रिया में मुनाफे के वितरण पर स्पष्ट अधिकार प्रदान किया गया
है जिससे कर्जदाताओं का स्वीकृत पदक्रम बना रहेगा’’
एस्सार स्टील
मामले आए हालिया फैसले में दिवाला अदालत ने कर्जदाताओं की समिति के निर्णय
को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि समाधान के धन का वितरण सभी दावेदारों में
समान रूप से होना चाहिए। इस प्रकार सिक्योर्ड क्रेडिटर्स को उसी स्तर पर
रखा गया जिस पर स्तर पर अनसिक्योर्ड एवं ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को रखा गया।
बयान
में कहा गया कि संशोधन पूर्व प्रभाव से लागू होगा और एस्सार स्टील समाधान
मामले में सिक्योर्ड क्रेडिटर्स के पक्ष को इससे मजबूती मिलेगी।
दूसरे
संशोधन में प्रस्ताव दिया गया है कि आईबीसी से संबद्ध मामले का समाधान 330
दिनों के भीतर होना चाहिए, जिसमें अपील भी शामिल है। यह भारतीय बैंकों की
साख के लिए सकारात्मक है क्योंकि इससे समाधान के समय में कमी आएगी।
रेटिंग
एजेंसी ने कहा, ‘‘आईबीसी के मामलों के समाधान में प्रारंभ में तय समयसीमा
270 दिनों से ज्यादा समय लगा है क्योंकि संबद्ध पक्ष बार-बार ऊंची अदालतों
में अपील में चले जाते हैं।’’
तीसरे संशोधन के तहत घर खरीदने वाले समेत कर्जदाता, कर्जदाताओं की समिति समाधान प्रक्रिया को मंजूरी दे सकती है।
अमेरिकी
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘संशोधन भारतीय बैंकों के लिए क्रेडिट पॉजिटिव है,
क्योंकि इससे रियल स्टेट के प्रोजेक्ट के समाधान में सुविधा मिलेगी।’’
(आईएएनएस)
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