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राजकोषीय स्थिति कमजोर रही तो घट सकती है भारत की रेटिंग : मूडीज

Source : business.khaskhabar.com | May 09, 2020 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 moodys cautions of rating downgrade for india if fiscal metrics worsen 440401नई दिल्ली । क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारतीय अर्थव्यवस्था की एक खराब स्थिति के बीच आगाह किया है कि अगर देश का राजकोषीय मैट्रिक्स भौतिक रूप से कमजोर रहता है, तो भारत की संप्रभु रेटिंग को घटाया जा सकता है। वर्तमान में मूडीज द्वारा भारत को सौंपी गई संप्रभु रेटिंग नकारात्मक ²ष्टिकोण के साथ 'बीएए2' है।

मूडीज ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि शून्य रह सकती है। एजेंसी ने हालांकि, वित्त वर्ष 2021-22 में वृद्धि दर के 6.6 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान व्यक्त किया है।

एजेंसी ने निकट अवधि में रेटिंग बढ़ने की संभावना को नकारते हुए कहा है कि चूंकि आर्थिक और सांस्थानिक सुधारों के जरिए उत्पादन को बहाल करने की सरकार की संभावना सीमित है, ऐसे में वृद्धि में लंबे समय तक सुस्ती बने रहने पर रेटिंग घटाई जा सकती।

एजेंसी ने कहा, वित्तीय सेक्टर की सेहत एक उल्लेखनीय और लंबी अवधि तक कमजोरी रहने के कारण राजकोषीय लागत बढ़ेगा, लिहाजा सरकार को कर्ज का बोझ बढ़ने से रोकने के लिए कुछ वित्तीय संस्थानों को मदद करने की जरूरत है।

वर्तमान रेटिंग बीएए2 नेगेटिव के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बढ़ते जोखिमों को दर्शाता है कि आर्थिक विकास अतीत की तुलना में काफी कम रहेगा।

मूडी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को मदद करने के सरकार के उपायों से भारत की वृद्धि दर में सुस्ती की गहराई और अवधि घटाने में मदद मिलेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि ग्रामीणों परिवारों में वित्तीय संकट, कमजोर रोजगार सृजन, और गैर बैंक वित्तीय संस्थानों में हाल में पैदा हुए क्रेडिट संकट ने एक अधिक कमजोर वृद्धि की संभावना को बढ़ा दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "यदि कमजोर जीडीपी वृद्धि दर उच्च दर पर नहीं लौटती है तो हमें लगता है कि सरकार आम बजट घाटे को कम करने और कर्ज का बोझ बढ़ने से रोकने में बहुत दिक्कतों का सामना करेगी।"

एजेंसी ने कहा है कि कोरोनावायरस के तेजी के साथ होते फैलाव, बिगड़ते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, गिरती तेल कीमतें, वित्त बाजार के संकट मिलकर एक गंभीर और व्यापक आर्थिक एवं वित्तीय झटका तैयार कर रहे हैं।

मूडी ने अपनी रिपोट में कहा है, "भारत के लिए वृद्धि दर में हम एक तीव्र सुस्ती की उम्मीद करते हैं। कैलेंडर वर्ष 2020 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि लगीाग 0.2 प्रतिशत रह सकती है, जो पूर्व के अनुमान 2.5 प्रतिशत से कम है।" (आईएएनएस)

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