कपास में नमी ज्यादा होने से नहीं हो पा रही सरकारी खरीद: सीसीआई
Source : business.khaskhabar.com | Oct 08, 2020 |
नई दिल्ली।
भारतीय कपास
निगम (सीसीआई) का कहना है कि उत्तर भारत में कपास की खरीद के लिए एजेंसी की
तैयारी चाक चौबंद है, लेकिन अभी जो फसल आ रही है उसमें नमी ज्यादा होने के
चलते सरकारी खरीद नहीं हो पा रही है।
सीसीआई के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) प्रदीप कुमार
अग्रवाल ने आईएएनएस को बताया कि अभी कपास की नई फसल जो आ रही है उसमें
20-22 फीसदी तक नमी है, जबकि एजेंसी आठ से 12 फीसदी तक नमी रहने पर ही कपास
खरीदती है।
सीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और
राजस्थान में कपास की फसल की आवक छह अक्टूबर तक करीब 3.12 लाख गांठ (एक
गांठ में 170 किलो) हो चुकी थी, मगर एजेंसी द्वारा महज 2,311 गांठ कपास की
ही खरीद हुई।
प्रदीप अग्रवाल बुधवार को दिल्ली में थे। यहां खरीफ
फसलों की खरीद को लेकर एक प्रेसवार्ता के बाद आईएएनएस से बातचीत में
उन्होंने कहा कि सीसीआई की खरीद में आठ फीसदी ही मानक तय किया गया है, जिस
पर होने वाली खरीद के लिए किसानों को सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य
(एमएसपी) मिलता है, लेकिन उससे अधिक नमी होने पर हरेक फीसदी पर एमएसपी में
कटौती की जाती है और इसकी भी अनुमति 12 फीसदी तक ही है। इससे ऊपर नमी होने
पर सीसीआई कपास नहीं खरीदती है।
उन्होंने कहा, सीसीआई ने पंजाब और
हरियाणा में कपास की खरीद शुरू कर दी है और तय मानक के अनुरूप जो फसल आ
रही है उसकी खरीद एमएसपी पर हो रही है।
केंद्र सरकार ने चालू कपास
सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए कपास (लंबा रेशा) का एमएसपी 5,825
रुपये प्रति क्विंटल जबकि कपास (मध्यम रेशा) का 5,515 रुपये प्रति क्विंटल
तय किया है। अग्रवाल ने कहा कि सीसीआई कपास की दोनों वेरायटी खरीद रही है।
हालांकि
पंजाब और हरियाणा में कपास की नई फसल किसान एमएसपी से काफी कम भाव पर
बेचने को मजबूर है क्योंकि उन्हें अगली फसल की बुवाई के लिए पैसे की जरूरत
है।
इस संबंध में प्रेसवार्ता के दौरान आईएएनएस के एक सवाल पर
केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय में सचिव रवि कपूर ने कहा कि सीसीआई तय मानक के
अनुरूप ही कपास खरीदती है और स्वीकार्य नमी के मानक पर जितनी भी फसल आएगी
एजेंसी खरीदेगी। उन्होंने कहा, कृषि मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार,
एफएक्यू (फेयर एवरेज क्वालिटी) तय किया गया। कपास में एफएक्यू के तहत 12
फीसदी तक नमी स्वीकार्य है। कोई किसान यह नहीं कह सकता है कि 12 फीसदी से
कम नमी पर सीसीआई ने कॉटन नहीं खरीदा। अगर 12 फीसदी से कम नमी पर एजेंसी
द्वारा खरीद से मना करने की कोई शिकायत है तो उनके संज्ञान में लाया जाए।
उन्होंने
बताया कि हरियाणा में कपास की खरीद के लिए 17 सेंटर हैं जबकि पंजाब में 21
सेंटर हैं और कोई भी सेंटर किसानों के खेतों से 15 से 20 किलोमीटर से
ज्यादा दूर नहीं है। कपूर ने कहा कि किसान जब तक और मानक के अनुरूप जितने
भी कपास लाते रहेंगे तब तक एजेंसी खरीदेगी।
सीसीआई ने बीते सीजन
2019-20 में रिकॉर्ड 105.14 लाख गांठ कपास की खरीद की गई और चालू सीजन
2020-21 में एजेंसी ने 125 लाख गांठ कपास खरीदने का लक्ष्य रखा है। बीते
सीजन में सरकार ने किसानों से 28,500 करोड़ रुपये मूल्य की कपास खरीदी थी,
जबकि इस साल 35,000 करोड़ मूल्य की कपास खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार के अनुमान के अनुसार, पिछले साल देश में कपास का उत्पादन 357 लाख
गांठ था जबकि इस साल 360 लाख गांठ होने का अनुमान है। (आईएएनएस)
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