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बिकवाली के दबाव के चलते चने के भाव में नरमी

Source : business.khaskhabar.com | Jan 29, 2019 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 lack of gram due to the pressure of selling 365951नई दिल्ली/इंदौर। बिकवाली के दबाव में सोमवार को फिर चने के हाजिर और वायदा भाव में नरमी देखी गई। पिछले दिनों देश में जगह-जगह हुई बारिश से चने के पैदावार में वृद्धि होने की उम्मीदों से भी कीमतों पर दबाव आया। जानकार बताते हैं कि कीमतों पर आगे और दबाव बढऩे की उम्मीदों से दाल मिलों की मांग नरम पड़ गई है।

हाजिर बाजार में मांग कमजोर रहने से दिल्ली और इंदौर की मंडियों में चने का कारोबार ठंडा रहा। वायदा बाजार में चने का भाव मजबूती से खुलने के बाद पिछले कारोबार सत्र के मुकाबले करीब आधा फीसदी कमजोरी के साथ बंद हुआ।

देश में कृषि फसलों का सबसे बड़ा वायदा बाजार मंच नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध 18 रुपये यानी 0.43 फीसदी की कमजोरी के साथ 4,196 रुपये प्रति क्ंिवटल पर बंद हुआ। इससे पहले मार्च अनुबंध मजबूती के साथ 4,225 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला। कारोबार के दौरान ऊपरी स्तर 4,235 रुपये और निचला स्तर 4,179 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

दिल्ली में मध्य प्रदेश लाइन चना का भाव 4,200 रुपये प्रति क्विंटल और राजस्थान लाइन चना का भाव 4,275-4,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा। कारोबारी सूत्रों के अनुसार, पिछले सत्र के मुकाबले करीब 20 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी रही।

इंदौर में चने का भाव 4,250 रुपये और बीकानेर में 4,100 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।

इंदौर में डॉलर चना में 5,500-6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार हुआ।

कृषि जींस बाजार के जानकार बताते हैं कि नैफेड के पास इस समय 20 लाख टन से अधिक चना बचा हुआ है और रोज विकवाली हो रही है, जिससे मांग के मुकाबले आपूर्ति बढ़ गई है। उधर, कर्नाटक और महाराष्ट्र में नई फसल मंडियों में छिटफुट आने लगी है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में भी अगले महीने चने की नई फसल आ जाएगी।

गौरतलब है कि फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के रबी सीजन के चने के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,620 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

चालू रबी सीजन में चना का रकबा 95.99 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल के समान अवधि के रकबे 106.55 लाख हेक्टेयर से 9.91 फीसदी कम है।
(आईएएनएस)

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