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कोरोना काल में चीनी निर्यात में नया रिकॉर्ड बनाएगा भारत

Source : business.khaskhabar.com | Jun 24, 2020 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 india will set a new record in sugar exports during the corona period 444016नई दिल्ली। कोरोना काल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में नरमी आने के बावजूद भारत चीनी निर्यात में नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। चालू सीजन में करीब 50 लाख टन निर्यात के सौदे हो चुके हैं जबकि करीब 45 लाख टन निर्यात हो चुका है। यह जानकारी घरेलू चीनी उद्योग संगठनों से मिली है।

उद्योग संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने आईएएनएस को बताया कि 2007-08 में भारत ने 49 लाख चीनी निर्यात किया था जोकि अब तक का रिकॉर्ड है, लेकिन चालू सीजन के आखिर तक करीब 55 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है जोकि एक नया रिकॉर्ड होगा।

उन्होंने कहा कि ब्राजील में कोरोना महामारी का प्रकोप गहराने के चलते वहां से चीनी निर्यात की रफ्तार सुस्त पड़ गई है जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम को सपोर्ट रहने की उम्मीद है और वैश्विक बाजार में चीनी का दाम बढ़ने से चीनी निर्यात करने में मिलों को मुनाफा मिलेगा।

सबसे ज्यादा कोरोनावायरस संक्रमण के मामले में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर ब्राजील है। नाइकनवरे ने बताया कि ब्राजील के पोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होने व मजदूरों की किल्लत के कारण पहले जहां जहाज के लदान में 12-13 दिन लगते थे वहां अब 45-50 दिन लगने लगे हैं जिसके कारण निर्यात की गति सुस्त पड़ गई है। उन्होंने बताया कि ब्राजील में इस साल चीनी का उत्पादन करीब 360 लाख टन रहने का अनुमान है जोकि पिछले साल से करीब 100 लाख टन ज्यादा है।

देश के प्रमुख चीनी निर्यातक संगठन इंडियन शुगर एक्जिम कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईजेक) के प्रबंध निदेशक व सीईओ अधीर झा ने कहा कि भारत चीनी निर्यात में नया रिकॉर्ड कायम करने के करीब है क्योंकि 50 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हो चुके हैं और यह चीनी देश के बाहर जाने के साथ निर्यात का नया रिकॉर्ड बन जाएगा।

आईएएनएस से बातचीत में झा ने भी कहा कि 55 लाख टन तक चीनी निर्यात होने के आसार हैं। उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्राजील हमारा प्र्रतिस्पर्धी नहीं क्योंकि उसका अलग बाजार और भारत का बाजार अलग है, लेकिन सप्लाई बढ़ने से चीनी की वैश्विक कीमतों में गिरावट आती है तो भारत के लिए चीनी निर्यात करना मुश्किल होता है।" उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी का भाव जब 13 सेंट प्रति पौंड (कच्ची चीनी का भाव) तभी भारतीय मिलों को निर्यात करने में मुनाफा होता है। हालांकि कच्ची चीनी का भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मंगलवार को 12 सेंट प्रति पौंड के करीब है जबकि सफेद चीनी (लंदन शुगर) का भाव करीब 364 डॉलर प्रति टन था।

झा ने कहा कि दाम थोड़ा कम होने पर भी भारतीय चीनी मिलें निर्यात कर सकती हैं क्योंकि घरेलू मांग तो सीमित है और निर्यात होने से नकदी की समस्या का समाधान होगा।

बता दें कि चीनी निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार ने चालू शुगर सीजन 2019-20 अक्टूबर-सितंबर में अधिकतम स्वीकार्य निर्यात परिमाण (एमएईक्यू) के तहत कुल 60 चीनी के निर्यात का कोटा तय किया है जिस पर सरकार 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी देती है।

इस बीच घरेलू बाजार में चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को लेकर उद्योग की मांग पर सरकार विचार रही है। इस समय चीनी की एमएसपी 31 रुपये प्रति किलो है। बंबई शुगर मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अशोक जैन ने बताया कि चीनी की एमएसपी में बढ़ोतरी की संभावना से बीते 10 दिनों में चीनी के एक्स मिल रेट में 100 रुपये प्रतिक्विंटल से ज्यादा का इजाफा हो गया है।

निजी चीनी मिलों का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) से मिली जानकारी के अनुसार, चालू सीजन में करीब 45 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है।

एनएफसीएसएफ के अनुसार, चालू सीजन में चीनी का उत्पादन 272 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि घरेलू खपत जो पहले 240 लाख टन रहने की उम्मीद की जाती थी वह बढ़कर 245 लाख टन के करीब रह सकती है। हालांकि सीजन के आखिर में 30 सितंबर को बकाया स्टॉक 115 लाख टन के आसपास ही रहेगा। बता दें कि पिछले साल का बकाया स्टॉक 145 लाख टन था। (आईएएनएस)


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