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चीन अगर भारत से कॉटन नहीं भी खरीदे तो मलाल नहीं : उद्योग संगठन

Source : business.khaskhabar.com | Jun 28, 2020 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 if china does not buy cotton from india it is not malicious industry organization 444373नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा पर तनाव और चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर पूरे भारत में उठ रही आवाजों के बीच चीन को होने वाले कॉटन और यार्न के निर्यात पर भी असर पड़ने की आशंका है, लेकिन कॉटन उद्योग संगठन का कहना है कि चीन अगर भारत से कॉटन खरीदना बंद भी कर दे तो कोई मलाल नहीं है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष अतुल गणत्रा ने आईएएनएस को बताया कि चीन वैसे भी अब भारत से बहुत कम कॉटन खरीदता है, इसलिए चीन के नहीं खरीदने से भारत के कॉटन निर्यात पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस समय बांग्लादेश और वियतनाम भारतीय कॉटन के बड़े खरीदार हैं और उनकी खरीदारी जोरों पर है।

चीन को इस साल हुए कॉटन निर्यात को लेकर पूछे गए सवाल पर गणत्रा ने बताया कि भारत का कॉटन इस समय दुनिया में सबसे सस्ता है इसलिए इसकी मांग बनी हुई है। उन्होंने कहा, "कॉटन की वैश्विक कीमत से भारत का कॉटन इस समय 15 फीसदी सस्ता है इसलिए इसकी मांग लगातार बनी हुई है। चीन को दो दिन पहले भी निर्यात हुआ है और यह लगातार जारी है, लेकिन चीन की खरीदारी कम है। चीन बमुश्किल से 6.7 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन भारत से खरीदता है क्योंकि ड्रेड डील के तहत उस पर अमेरिका से कॉटन खरीदने की बाध्यता है।"

गणत्रा ने बताया कि भारत का कॉटन निर्यात चालू सीजन 2019-20 अक्टूबर-सितंबर में 47 लाख गांठ रहने का अनुमान है जिसमें से 27 लाख गांठ बांग्लादेश ही खरीदेगा और बाकी 20 लाख गांठ में करीब 10 लाख गांठ वियतनाम जबकि चार लाख गांठ इंडोनेशिया हो निर्यात होगा।

वहीं कॉटन यार्न की बात करें तो पिछले साल तक चीन भारत के कॉटन यार्न का सबसे बड़ा खरीदार था, लेकिन इस साल बांग्लादेश उसे पीछे छोड़ सकता है क्योंकि बीते कुछ दिनों से चीन से यार्न की मांग कम आ रही है।

कॉटन यार्न निर्यातक कंपनियों में देश की अग्रणी कंपनी वर्धमान टेक्सटाइल्स के ललित महाजन ने आईएएनएस को बताया कि बीते कुछ दिनों से चीन से कॉटन यार्न की इंक्वायरी घट गई है। यह पूछने पर कि क्या भारत-चीन सीमा तनाव से व्यापार पर असर पड़ा इै तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल यही कारण हो सकता है और चीन की मांग कम होने से इस साल बांग्लादेश भारत के कॉटन यार्न का सबसे बड़ा आयातक बन जाएगा।

ललित महाजन वर्धमान टेक्सटाइल्स में रॉ मेटेरियल्स के प्रमुख हैं। उन्होंने बताया, "इस साल करीब 25 फीसदी यार्न का निर्यात चीन को हुआ है जबकि 17 फीसदी बांग्लादेश को निर्यात हुआ है जबकि सितंबर तक बांग्लादेश की खरीदारी चीन से ज्यादा हो सकती है।"

भारत यार्न का निर्यात चीन और बांग्लादेश के अलावा, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, जापान और दक्षिण अमेरिकी देशों को होता है।

दिलचस्प बात यह है कि भारत वियतनाम को कॉटन और यार्न दोनों बेचता है जबकि चीन वियतनाम से यार्न खरीदता है। वियतनाम के अलावा पाकिस्तान से भी चीन कॉटन यार्न खरीद रहा है।

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनातनी में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 20 सैनिक शहीद हो गए जिसके बाद चीनी रवैये को लेकर भारतीय जनमानस में गुस्सा है। (आईएएनएस)

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