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नीतियां बदलें तो दूर हो घरों की कमी:एसोचेम

Source : business.khaskhabar.com | Aug 28, 2016 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 housing policy must be changed to provide houses to all assocham 75466नई दिल्ली। उद्योग संस्था एसोसिएटेड चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने रविवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि देश में घर की कमी के मुद्दे के समाधान के लिए वह विभिन्न आवासीय नीतियों का विलय कर एक नीति बना दे।

एसोचैम ने एक बयान में बताया कि अफोर्डेबल हाउसिंग फाइनांस इन इंडिया नाम की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) का इस्तेमाल खाताधारियों को आवास ऋण उपलब्ध कराने के लिए किया जाना चाहिए। ऎसा करने से इस योजना का लाभ सीधे उस वर्ग को होगा जिसकी तरफ यह लक्षित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर एवं निम्न आय वर्ग श्रेणी को आम तौर पर कई कारणों से कर्ज नहीं मिलता है। इसके अलावा इस श्रेणी की आय या तो पूरे साल में असमान होती है या कर्ज लौटाने की दृष्टि से बहुत कम होती है।

अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि कम कीमत के आवास के लिए मानदंड को शिथिल करने से आवास ऋण उपलब्ध कराने वाले बाजार को व्यापक लाभ मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर, कर्ज लेने के लिए पहचान के तौर पर आधार कार्ड को स्वीकार्य बनाया जाए। अर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग श्रेणी को आवास ऋण कम ब्याजदर पर उपलब्ध कराने से बाजार में आवास की बिRी बढेगी और इससे खरीददार को लाभ होगा।

एसोचैम ने कहा है,परियोजना को मंजूरी देने के लिए एकल खिडकी व्यवस्था से लागत और मंजूरी में लगने वाले समय में कमी आएगी और यह वक्त की जरूरत है। 40 अलग-अलग विभागों से स्वीकृति लेने में औसतन तीन साल तक लग जाते हैं। इसमें राजस्व, आग, विमानन प्राधिकरण और अन्य विभाग शामिल हैं।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अभी नीतियों में निश्चित मंजूरी की प्रक्रिया का अभाव है। इसके अलावा कम कीमत के आवास की परियोजनाओं के लिए भूमि का प्रावधान एवं आवासीय परियोजना को विकसित करने वालों के लिए उस भूमि को खरीदने के लिए पैसे की व्यवस्था का भी अभाव है। (आईएएनएस)