विनिर्माण में गिरावट से जीडीपी की विकास दर घटकर 5 फीसदी
Source : business.khaskhabar.com | Aug 31, 2019 |
नई दिल्ली। देश में विनिर्माण गतिविधियों में तेज गिरावट के कारण देश के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की रफ्तार वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में घटकर 5 फीसदी रही, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी रही थी।
इसका मतलब यह है कि देश की विकास दर में महज एक साल की अवधि में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
जीडीपी की विकास दर में लगातार चौथी तिमाही गिरावट दर्ज की गई, जो कि वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में 8 फीसदी थी, और इस साल समान तिमाही में घटकर 5 फीसदी हो गई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी 35.84 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में यह 34.14 लाख करोड़ रुपये थी, जो कि 5 फीसदी की वृद्धि दर है।
इन आंकड़ों में बताया गया कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में साल-दर-साल आधार पर सकल मूल्य वद्र्धित दर (जीवीए) गिरकर 4.9 फीसदी रही, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 7.7 फीसदी थी।
जीवीए में करों को शामिल किया जाता है, लेकिन सब्सिडी को शामिल नहीं किया जाता है।
एनएसओ ने एक बयान में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2011-12 की आधार दरों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में जीवीए कुल 33.48 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जोकि वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में 31.90 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार से इसमें 4.9 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की गई है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘जिन क्षेत्रों की वृद्धि दर समीक्षाधीन अवधि में 7 फीसदी से अधिक रही, उनमें ‘बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपभोक्ता सेवाएं’, ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और ब्राडकास्टिंग संबंधी सेवाएं’ और ‘सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं’ रही।’’
(आईएएनएस)
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