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राहत पैकेज में किसान, मजदूर, मध्यम वर्ग का भी रखा ध्यान

Source : business.khaskhabar.com | May 15, 2020 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 farmers laborers middle class were also taken care of in the relief package 440837नई दिल्ली। कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के मेगा राहत पैकेज में किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग का भी ध्यान रखा है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस पैकेज के दूसरे किस्त का एलान किया।

वित्तमंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी धारकों को सस्ता कर्ज मुहैया करवाने के लिए दो लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त धन का प्रावधान किया गया है। इस राशि से देश के करीब 2.5 करोड़ किसान, पशुपालक और मछुआरे लाभान्वित होंगे।

उन्होंने कहा कि किसानों के लिए नाबार्ड के जरिए 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपात कार्यशील पूंजी की व्यवस्था की गई है जो नाबार्ड द्वारा सामान्य तौर इस कृषि क्षेत्र को दिए जाने वाले 90,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगी और इससे तीन करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को फायदा होगा।

वित्तमंत्री ने कंपन्सेंटरी एफोरेस्टरी मैनेंजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी यानी कैंपा फंड के तहत 6000 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है जिसका उपयोग वनरोपण, पौधारोपण कार्य के लिए किया जाएगा, जिससे शहरी, अर्धशहरी और ग्रामीण व जनजातीय इलाकों में रोजगार सृजन होगा।

कोरोना महामारी के कारण रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) की आजीविका पर बुरा असर पड़ा है, जिस पर गौर करते हुए केंद्र सरकार ने प्रभावित हुए लगभग 50 लाख वेंडरों को लाभान्वित करने के लिए पांच हजार करोड़ रुपये की विशेष ऋण सुविधा की घोषणा की।

सीतारमण ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि यह योजना एक महीने के भीतर शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद विक्रेताओं को 10 हजार रुपये तक का ऋण दिया जाएगा।

कोरोना के कहर से गांव लौट रहे मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था करने का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 1.87 लाख पंचायतों में 2.33 करोड़ ग्रामीणों को काम की पेशकश की गई है।

प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों की जानकारी देते हुए वित्तमंत्री ने कहा, "प्रवासी मजदूरों को मई और जून दोनों महीने के दौरान मुफ्त अनाज दिया जाएगा और इसके लिए प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को पांच किलो अनाज और हर परिवार को एक किलो चना बांटने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अनाज मुहैया करवाया जाएगा। इसके लिए आठ लाख टन अनाज और 50,000 टन चना आवंटित किया जाएगा।"

वित्तमंत्री ने कहा कि देश के देश में वन नेशन वन राशन कार्ड की व्यवस्था के तहत राशन कार्ड की देशभर में पोर्टेबिलिटी मार्च 2021 में शतप्रतिशत शुरू हो जाएगी, जिसके बाद कोई भी राशन कार्ड धारक देश में कहीं भी अपने हिस्से का अनाज राशन की दुकान से प्राप्त कर सकेगा।

प्रवासी श्रमिकों और शहरी गरीबों को सहूलियत प्रदान करने के मकसद से वित्तमंत्री ने किफायती किराये के आवास की योजना का एलान किया। पीपीपी मॉडल में इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।

सीतारमण ने मध्यम आय वग के लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम को बढ़ाकर मार्च 2021 तक कर दिया है। इस आय वर्ग में वे लोग शामिल होंगे जिनकी आय छह लाख रुपये से 18 लाख रुपये है। (आईएएनएस)

उन्होंने कहा कि 2020-21 के दौरान इसका फायदा 2.5 लाख परिवारों को मिलेगा और इससे आवासीय क्षेत्र में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा जबकि इससे रोजगार पैदा होने के साथ-साथ स्टील, सीमेंट परिवहन व निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।

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