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RBI ने ब्याज दरें बढ़ाई, बढ़ेगी ईएमआई, कॉर्पोरेट जगत मायूस

Source : business.khaskhabar.com | Aug 02, 2018 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 emis to cost more as rbi raises lending rates india inc disappointed 330979मुंबई। घर, कार और दोपहिया वाहनों की ईएमआई बढऩे वाली है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि की है, जिसके बाद रेपो दर 6.5 फीसदी हो गई है।

शीर्ष बैंक ने कहा है कि यह वृद्धि महंगाई बढऩे के जोखिम और मुद्रा युद्ध के कारण वैश्विक अस्थिरता बढऩे के जोखिम को देखते हुए की गई है।

आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने गौर किया है कि खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि लगातार तीसरे महीने जारी रही है।

उन्होंने चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा के बयान में कहा, ‘‘आज की बैठक में वर्तमान और उभरती आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि की है, जिससे रेपो दर 6.5 फीसदी हो गई है।’’

बयान में आगे कहा गया है, ‘‘इसके प्रभाव से एलएएफ के अंतर्गत रिवर्स रेपो दर 6.25 फीसदी हो गई है और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 फीसदी हो गई है।’’

वहीं, भारतीय कॉर्पोरेट जगत ने आरबीआई की मौद्रिक समिति (एमपीसी) द्वारा 5-1 से किए गए इस फैसले से निराशा जताई है, लेकिन भविष्य में अधिक अनुकूल नीति बनाने को लेकर उम्मीद जताई है।

आरबीआई के बयान में कहा गया है कि पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद की अवधि में ‘ईंधन और बिजली समूह’ में तेजी से महंगाई बढ़ी है। खासकर एलपीजी (लिक्वीफाईड पेट्रोलियम गैस) और केरोसिन की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।

आरबीआई ने हालांकि नीति पर अपने ‘तटस्थ’ रुख को बनाए रखा है, जैसा कि उसने पिछली पांच द्विमासिक नीतिगत समीक्षाओं में किया है। इससे शीर्ष बैंक को दरें घटाने या बढ़ाने में मदद मिलती है।

आरबीआई ने कहा, ‘‘एमपीसी का निर्णय मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख के अनुरूप है, जो कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के लिए मध्यम अवधि के लक्ष्य चार फीसदी (दो फीसदी ऊपर-नीचे) को प्राप्त करने तथा विकास को समर्थन देने के उद्देश्य से है।’’

रेपो रेट वृद्धि पर टिप्पणी करते हुए फिक्की के अध्यक्ष रशेश शाह ने कहा, ‘‘बढ़ती मुद्रास्फीति की स्थिति को देखते हुए, आरबीआई द्वारा आज रेपो दर में वृद्धि की उम्मीद थी।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर आरबीआई अर्थव्यवस्था पर बढ़ती मुद्रास्फीति के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने और रुपये को समर्थन प्रदान करने पर विचार कर रहा है।’’

शाह ने आशा व्यक्त की कि ब्याज दर व्यवस्था इस वृद्धि के बाद स्थिर हो जाएगी।

शाह ने कहा, ‘‘इसके अलावा, सरकार और आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति दबाव में सुधार करने के लिए काम करना बहुत महत्वपूर्ण होगा, जो आपूर्ति पक्ष से काफी हद तक उत्पन्न हो रही है।’’
 
एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जजोदिया ने कहा, ‘‘हम उत्सव के मौसम की ओर बढ़ रहे हैं, जो विकास को आगे बढ़ाने में मदद कर रही है और बढ़ती ब्याज दरों के कारण विकास दर कम होने की संभावना नहीं है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘बैंकों ने पहले से ही दरें बढ़ाना शुरू कर दिया है। चूंकि देश में अब आम चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं, इसलिए मुद्रास्फीति और विकास के बीच संतुलन समान रूप से होना चाहिए, और आर्थिक विस्तार की लागत पर मुद्रास्फीति को थामने के पक्ष में झुका हुआ नहीं होना चाहिए।’’
(आईएएनएस)

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