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आर्थिक रिकवरी में 1 साल से अधिक समय लग सकता है : सीआईआई सर्वेक्षण

Source : business.khaskhabar.com | May 04, 2020 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 economic recovery may take more than a year cii poll 439977नई दिल्ली । कोरोनावायरस महामाारी के कारण लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर पड़ा है और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा किए गए एक सीईओ स्नैप सर्वेक्षण के अनुसार, 44.7 प्रतिशत कॉरपोरेट प्रमुखों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधरने में एक साल से अधिक का समय लगेगा। अर्थव्यवस्था और उद्योग पर कोविड-19 के प्रभाव पर किए गए स्नैप सर्वेक्षण के अनुसार, चूंकि ज्यादातर कंपनियां अपने राजस्व में भारी गिरावट की लगातार आशंक जता रही हैं, लिहाजा वे अब आर्थिक रिकवरी में देरी का अनुमान लगा रही हैं।

सीआईआई ने एक बयान में कहा, "सर्वे के परिणामों से पता चलता है कि देश आर्थिक गतिविधि में एक लंबी मंदी का अनुभव कर सकता है, क्योंकि लगभग 45 प्रतिशत प्रतिभागी महसूस करते हैं कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आर्थिक सामान्य स्थिति हासिल करने में एक साल से अधिक का समय लग सकता है।"

लगभग 36.5 प्रतिशत कॉरपोरेट प्रमुखों को लगता है कि देश में आर्थिक रिकवरी में छह से 12 महीने लग सकते हैं। लगभग 17 प्रतिशत प्रतिभागियों को लगता है कि रिकवरी तीन से छह महीनों में हो जाएगी। जबकि 1.8 प्रतिशत को लगता है कि इसके लिए तीन महीनों की जरूरत है।

सर्वेक्षण के अनुसार, प्रतिभागियों ने अपनी कंपनियों के लिहाज से अपेक्षाकृत जल्द रिकवरी का अनुमान लगाया है। 34 प्रतिशत प्रतिभागियों ने संकेत दिया है कि उनकी कंपनियों की रिकवरी में छह से 12 महीने लगेंगे।

एक बड़े अनुपात में प्रतिभागियों ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद घरेलू मांग की स्थिति सामान्य होने में छह से 12 महीने लगेंगे।

सर्वे में 300 से अधिक सीईओ ने हिस्सा लिया, जिसमें से दो-तिहाई एमएसएमई से संबंध रखते हैं।

सर्वेक्षण में कहा गया है, "लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधि बिल्कुल बंद हो गई और सर्वेक्षण के निष्कर्ष से संकेत मिलता है कि बड़ी संख्या में (65 प्रतिशत) कंपनियों को राजस्व में मौजूदा तिमाही (अप्रैल-जून) में 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट की आशंका है।"

वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए 33 प्रतिशत कंपनियों को राजस्व में 40 प्रतिशत से अधिक की गिरावट की आशंका है, जबकि 32 प्रतिशत कंपनियों को राजस्व में 20 से 40 प्रतिशत गिरावट की आशंका है।

नौकरी और आजीविका के मोर्चे पर आधा से अधिक कंपनियों लगभग 54 प्रतिशत को लगता है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनके संबंधित सेक्टरों में नौकरियां जाएंगी। इनमें से 45 प्रतिशत प्रतिभागियों को 15 से 30 प्रतिशत नौकरियां खत्म होने का अनुमान है।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "आबादी पर कोरोनावायरस के प्रभाव को रोकने के लिए लॉकडाउन जरूरी था, लेकिन आर्थिक गतिविधि पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। इस घड़ी में उद्योग आर्थिक पुनर्जीवन और आजीविका बचाने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज का इंतजार कर रहे हैं।" (आईएएनएस)

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