चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप का भारत से कॉटन निर्यात पर असर
Source : business.khaskhabar.com | Feb 08, 2020 |
नई दिल्ली। चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते भारत से कॉटन निर्यात पर असर पड़ने की संभावना बनी हुई है। भारत दुनिया में कॉटन का सबसे बड़ा उत्पादक है और चीन प्रमुख आयातक देश है। इस महीने चीन को करीब पांच लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन निर्यात की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण चीन को कॉटन निर्यात पर असर की संभावना जताई जा रही है।
गुजरात के कड़ी के कॉटन कारोबारी दिलीप पटेल ने आईएएनएस को बताया कि चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस समय निर्यात के सौदे नहीं हो रहे हैं। चीन में नया साल का अवकाश के बाद बाजार खुलने पर पांच लाख गांठ कॉटन निर्यात होने की उम्मीद की जा रही थी।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल गणत्रा ने हाल ही में आईएएनएस को बताया कि चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत ने चार लाख गांठ कॉटन चीन को निर्यात किया है और फरवरी में पांच लाख गांठ और निर्यात होने की उम्मीद है।
एसोसिएशन के अनुसार, भारत ने चालू सीजन में 20 लाख गांठ कॉटन का निर्यात किया है और सीजन के आखिर तक 42 लाख गांठ निर्यात होने का अनुमान है, जबकि आयात 25 लाख गांठ होने की उम्मीद है।
भारत में इस साल कॉटन की बंपर पैदावार है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जनवरी महीने के आकलन के अनुसार, देश में चालू सीजन में 354.50 लाख गांठ कॉटन का उत्पादन है।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के ताजा आकलन के अनुसार, इस सीजन के दौरान देश में कॉटन की कुल आपूर्ति 411.50 लाख गांठ रहेगी, जिसमें आयात और उत्पादन के साथ-साथ पिछले साल का बकाया स्टॉक 32 लाख गांठ शामिल है।
वहीं, घरेलू खपत 331 लाख गांठ और निर्यात 42 लाख गांठ घटाने पर सीजन के आखिर में बकाया स्टॉक 38.50 लाख गांठ रहने की उम्मीद है।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते भारत के कॉटन निर्यात ही नहीं, बल्कि कैस्टर ऑयल और मूंगफली के निर्यात पर भी असर पड़ने की संभावना है। (आईएएनएस)
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