जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश 1 लाख 4 हजार करोड़ के पार
Source : business.khaskhabar.com | Jun 14, 2020 |
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स में कुल निवेश 1 लाख 4 हजार
करोड़ को पार कर गया है। शनिवार को एक ही दिन में दो निवेशकों ने जियो
प्लेटफॉर्म्स में निवेश की घोषणा की पहले टीपीजी ने 0.93 प्रतिशत इक्विटी
के लिए 4,546.80 करोड़ रुपये और फिर एल केटरटन ने 0.39 प्रतिशत इक्विटी के
लिए 1,894.50 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की।
पिछले 8 हफ्तों में 10
निवेशों के जरिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 22.38 प्रतिशत इक्विटी के लिए कुल
1,04,326.95 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। यह निवेश 22 अप्रैल को
फेसबुक से शुरू हुआ था, उसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, जनरल
अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला और सिल्वर लेक ने अतिरिक्त निवेश किया था। पिछले
रविवार को ही अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने भी निवेश की घोषणा की थी।
जियो
प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 'फुली ओन्ड सब्सिडियरी' है।
ये एक 'नेक्स्ट जनरेशन' टेक्नॉलोजी कंपनी है जो भारत को एक डिजिटल सोसायटी
बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल एप,
डिजिटल ईकोसिस्टम और भारत के नंबर है। हाइ-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म को
एक-साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जिसके 38
करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, वो जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड की 'होल्ली ओन्ड
सब्सिडियरी' बनी रहेगी।
टीजीपी एक प्रमुख वैश्विक एसेट फर्म है,
जिसकी स्थापना 1992 में डॉलर 79 अरब से अधिक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के
साथ हुई थी। जिसमें निजी इक्विटी, ग्रोथ इक्विटी, रियल एस्टेट और पब्लिक
इक्विटी शामिल हैं। टीपीजी के 25 वर्षों से अधिक के इतिहास में दुनिया भर
में सैकड़ों पोर्टफोलियो कंपनियों का एक विस्तृत नेटवर्क बनाया है। वैश्विक
प्रौद्योगिकी कंपनियों में इसके निवेश में एयरबीएनबी, उबेर और स्पॉटिफाई
शामिल हैं।
वहीं एल केटरटन 1989 में स्थापित हुई थी, जो दुनिया भर
में अग्रणी उपभोक्ता-केंद्रित ब्रांडों में निवेश करती है। निवेश के मामले
में एल केटरटन का 30 साल का ट्रैक रिकॉर्ड है। पेलोटन, वूमर, क्लासपास,
ओवेन्डेस, फैबइंडिया, आदि में एल केटरटन का निवेश है।
रिलायंस
इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने टीपीजी निवेश पर
कहा, "आज एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में टीपीजी का स्वागत करते हुए मुझे
खुशी हो रही है। जो एक डिजिटल इकोसिस्टम के माध्यम से भारतीयों के जीवन को
डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के हमारे निरंतर प्रयासों के हमसफर होंगे। हम
टीपीजी के वैश्विक प्रौद्योगिकी व्यवसायों में निवेश के ट्रैक रिकॉर्ड से
प्रभावित हैं, जो सैकड़ों करोड़ उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायों के साथ काम
करते हैं, और बेहतर समाज बना रहे हैं।"
जियो एक ऐसे 'डिजिटल भारत'
का निर्माण करना चाहता है जिसका फायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को
मिले। एक ऐसा 'डिजिटल भारत' जिससे खास तौर पर देश के छोटे व्यापारियों,
माइक्रो व्यवसायिओं और किसानों के हाथ मजबूत हों। जियो ने भारत में डिजिटल
क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम
स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। (आईएएनएस)
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