नई दिल्ली। भारी कर्ज से मुश्किलों में घिरी विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के कर्जदाताओं ने अपनी कर्ज वसूली के लिए अब जमीन पर खडे हो चुके इस एयरलाइंस से संबंधित ब्रैंड्स को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विजय माल्या की यह कंपनी भारी कर्ज से जूझ रही है। हालांकि इस ब्रिकी से माल्या के इसी नाम के फ्लैगशिप बीयर ब्रैंड पर कोई असर नहीं पडेगा क्योंकि एयरलाइंस और बीयर ब्रैंड अलग-अलग कैटिगरीज के तहत रजिस्टर्ड हैं।
यूनाइटेड बेवरेज में सबसे बडी शेयरहोल्डर्स डच कंपनी हेनकेन ने किंगफिशर एयलाइंस ब्रैंड के बिकने की खबर पर चिंता जताई है। किंगफिशर एयरलाइन ब्रैंड की बिक्री की शुरूआत एसबीआई कैपिटल मार्केट लिमिटेड की सब्सिडियरी एसबीआईकैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड ने शुरू की थी। किंगफिशर एयरलाइंस ने अक्टूबर 2012 से उडान नहीं भरी है और 8 हजार करोड रूपए के कर्ज के कारण उसका लाइसेंस संस्पेंड कर दिया गया है।
बैंकों ने इस बडे कर्ज की भरपाई के कोई आसार न देखते हुए इसकी गिरवी रखी प्रॉपर्टीज को बेचने की प्रक्रिया शुरू की थी और अब वह उस किंगफिशर (एयरलाइंस) ब्रैंड को बेचने की कोशिश में है जिसकी वैल्यू कुछ साल पहले 3 हजार करोड रूपए थी, लेकिन बैंकों को गिरवी रखी प्रॉप्र्टीज, हेलिकॉप्टर्स और दूसरे असेट्स से सिर्फ 1000 करोड रूपए ही मिलने की संभावना है। इसलिए अब वह कर्ज की भरपाई के लिए किंगफिशर के ब्रैंड को बेचने की कोशिश में है। बैंकों की इस बात के लिए आलोचना होती रही है कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस की खराब हालत के बावजूद उसे लोन देना जारी रखा था।