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महिलाओं को नहीं मिल सकता सब कुछ : नूई

Source : business.khaskhabar.com | July 03, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Why PepsiCo CEO Indra Nooyi can not have it allन्यूयार्क। विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में शुमार पेप्सीको की भारतीय मूल की मुख्य कार्यकारी इंदिरा नूई ने स्वीकार किया कि ऑफिस के काम और घर के जीवन के बीच संतुलन बिठाना मुश्किल हो गया है और महिलाओं को सब कुछ नहीं मिल सकता। उन्हें संदेह कि उनकी बेटी उन्हें अच्छी मां मानती है। कोलोरैडो में ऎस्पेन आइडियाज फेस्टिवल में 58 वर्षीया नूई ने बडे बेबाक तरीके से कहा मुझे नहीं लगता कि महिलाएं सब कुछ पा सकती हैं। मुझे ऎसा बिल्कुल नहीं लगता। हम सिर्फ दावा करते हैं कि हम हरकुछ हासिल कर सकती हैं। उनसे पूछा गया था कि क्या वह महसूस करती हैं कि महिलाओं को सबकुछ मिल सकता है। नियमित रूप से फोर्ब्स और अन्य प्रकाशनों की विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में नाम दर्ज करने वाली नूयी ने कहा कि वह पति के साथ दो बेटियों को पालने की प्रक्रिया में कई बार अपराध-बोध के बोझ से दब गईं। नूई ने कहा कि उन्हें बडा अपराध-बोध महसूस होता था कि वह अपनी बेटियों के स्कूल की कई गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकती थीं, क्योंकि वह छुट्टी नहीं ले पाती थीं। उन्होंने कहा हर दिन आपको फैसला करना पडता है, क्या आप पत्नी या मां बनना चाहती हैं, दरअसल दिन भर में कई बार आपको ऎसे फैसले करने पडते हैं। और मदद के लिए आपको कई लोगों को अपनाना होता है। हमने अपनी मदद के लिए अपने परिवार को चुना। हम अपना जीवन की योजना बेहद सावधानी से बनाते हैं ताकि हम अच्छे माता-पिता बन सकें। लेकिन यदि आप हमारी बेटियों से पूछें तो मुझे पक्का भरोसा नहीं लगता कि वे कहेंगी कि मैं अच्छी मां रही हूं। मुझे इसका पूरा भरोसा नहीं हैं। और मैं इससे निपटने के लिए सभी तरह के तरीके अपनाती हूं। नूई ने कहा जब मैंन अपनी बेटियों के साथ नहीं हो पाती हूं, तो मुझे बडा अपराध-बोध होता है, लेकिन धीरे-धीरे इस स्थिति से निपटना सीख गई। नूई ने कहा आपको मुकाबला करना होता है, क्योंकि आप अपराध-बोध से दबे होते हैं। आप बस अपराध-बोध से मर रहे होते हैं।

 मेरा मानना है कि जैविक घडी और कैरियर की घडी एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। पूरी तरह अलग है। जब आप बच्चा चाहते हैं, तो अपके कैरियर का समय होता है। जब आप प्रबंधन के मध्यम स्तर पर पहुंचते होते हैं तो आपके बच्चों को आपकी जरूरत है, क्योंकि वे किशोरावस्था में होते हैं, उन्हें किशोरावस्था के लिए इसकी जरूरत होती है। पेप्सीको के 44 साल के इतिहास में पांचवीं मुख्य कार्यकारी, नूई ने कहा और वहीं वक्त होता है आपके पति को भी आप की उसी तरह जरूरत होने लगती है, उन्हें भी आपकी जरूरत होती है। आप क्या करेंगी इसके बाद जब आपकी उम्र और बढती है तो आपके माता-पिता को आपकी जरूरत होती है, क्योंकि उनकी उम्र हो रही होती है और हम बस पिसे हुए होते हैं। हमें सब कुछ बिल्कुल हासिल नहीं हो सकता है। नूई ने 14 साल पहले के उस दिन को याद किया, जब उन्हें बताया गया कि उन्हें पेप्सीको की अध्यक्ष बनाया जाएगा और निदेशक मंडल में नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा मैं अभिभूत थी, क्योंकि मेरी पृष्ठभूमि देखिए, मैं कहां से आई थी और एक बडी अमेरिकी कंपनी की अध्यक्ष बनने वाली थी और निदेशक मंडल में शामिल होने वाली थी। मुझे लगा मुझे कुछ विशेष हासिल हुआ है।

नूई ने कहा कि लेकिन इस बडी खबर पर अपनी मां की प्रतिक्रिया से बहुत निराश हुईं। उनकी मां ने कहा कि इस खबर को रहने दो। क्या तुम बाहर जाकर दूध ला सकती हो। नूई ने कहा उनकी मां ने कहा, एक बात बता दूं। तुम पेप्सीको की अध्यक्ष भले ही बन गई। तुम निदेशक मंडल में भले ही शामिल हो गई। लेकिन जब इस घर में घुसती हो तो तुम पत्नी हो, बेटी हो, बहू हो, मां हो। तुम सबकुछ हो। कोई इसकी जगह नहीं ले सकता। इसलिए इस बेकार ताज को गैराज में रखो। इस घर में मत लाओ और यकीन मानिए मैंने इस ताज को कभी नहीं देखा।