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एयरटेल वोडाफोन सहित सात कंपनियों पर 2,100 करोड रूपए का दंड बकाया

Source : business.khaskhabar.com | Aug 04, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Top 7 telecom firms owe over Rs 2100 cr penalty to DoT: CAGनई दिल्ली। एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, आरकॉम, एयरसेल, टाटा टेली और बीएसएनएल जैसी दूरसंचार कंपनियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण उपभोक्ताओं की जांच नियमों का पालन नहीं करने पर उनपर लगाया गया 2,116.95 करोड रूपए के दंड का भुगतान नहीं किया। यह बात कैग की एक रिपोर्ट में कही गई। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक ने ताजा रिपोर्ट में कहा गया हमने पाया कि दूरसंचार विभाग पर 2,506.80 करोड रूपए का दंड लगाया गया है और 2009 से 2012 के दौरान दूरसंचार प्रवर्तन संसाधन एवं निगरानी (टर्म) सेल और ग्राहक आवेदन फार्म (कैफ) के मामले में हुई गडबडियों के संबंध में सेवा प्रदाताओं ने 389.85 करोड रूपए के दंड का भुगतान किया था। दूरसंचार विभाग द्वारा कैग को उपलब्ध कराए गए आंकडे के मुताबिक आरकॉम पर सबसे अधिक 594.76 करोड रूपए का बकाया है। इसके बाद एयरटेल पर 502.8 करोड रूपए, एयरसेल पर 402.31 करोड रूपए, बीएसएनएल पर 269.42 करोड रूपए, वोडाफोन पर 203.04 करोड रूपए, आइडिया सेल्यूलर पर 74.15 करोड रूपए और टाटा टेलीसर्विसेज पर 70.47 करोड रूपए का बकाया है। ग्राहकों से लिए जाने वाले प्रत्येक गलत आवेदन पत्र पर दूरसंचार प्रवर्तन संसाधन एवं निगरानी प्रकोष्ठ 1,000 रूपए का जुर्माना लगाता है। यह जुर्माना तब लगाया जाता है जब 95 प्रतिशत आवेदन फार्म सही भरा होता है। आवेदन फार्म में गलती यदि 90 से 95 प्रतिशत के बीच होती है तो जुर्माना 5,000 रूपए तक बढ सकता है। आवेदन फार्म यदि 80 प्रतिशत से कम अनुपालन वाला होता है तो जुर्माना 50,000 प्रति आवेदन भी हो सकता है। कैग ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2012 में कुल जुर्माना 4,204.33 करोड रूपए तक हो सकता है जबकि दूरसंचार विभाग ने 2,506.80 करोड रूपए का ही जुर्माना लगाया।