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शेयर बाजार : तिमाही परिणामों पर रहेगी निवेशकों की नजर

Source : business.khaskhabar.com | Apr 27, 2014 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 Stock market Investors will focus on quarterly resultsमुंबई। देश के शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह निवेशकों की निगाह कंपनियों द्वारा पेश की जा रही गत कारोबारी वर्ष की आखिरी तिमाही और संपूर्ण कारोबारी वर्ष के परिणामों पर टिकी रहेगी। इसके अलावा निवेशकों की निगाह अगले हफ्ते देश भर में चल रहे आम चुनावों, विदेशी संस्थागत निवेश के आंक़डों, वैश्विक बाजारों के रूझानों, डॉलर के मुकाबले रूपये की चाल और तेल मूल्य पर भी टिकी रहेगी। अगले सप्ताह से निवेशकों की नजर कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले जनवरी-मार्च 2014 तिमाही और 2013-14 कारोबारी वर्ष के परिणामों की घोषणा पर भी टिकी रहेगी। निवेशक परिणामों के साथ आने वाले आय के अनुमानों से निवेश की रणनीति तय करेंगे।
परिणाम जारी करने का दौर मई के आखिरी तक चलेगा। सोमवार को एसकेएस माइक्रोफाइनेंस और श्रीसीमेंट, मंगलवार को भारती एयरटेल और आईएफसीआई, बुधवार को आईडीबीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक, शुक्रवार को रिलायंस कैपिटल और रिलायंस कम्युनिकेशंस अपने परिणामों की घोषणा करेंगी। आम चुनाव संबंधी गतिविधि और उसके परिणाम भी आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार को प्रभावित करेंगे। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान सात अप्रैल को शुरू हो चुका है। यह 12 मई को समाप्त होगा। मतगणना 16 मई को होगी।
 मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल एक जून को समाप्त होगा और नई लोकसभा का गठन 31 मई तक कर लिया जाना है। भारतीय रिजर्व बैंक अगली बार मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा तीन जून को करेगा। बैंक ने एक अप्रैल की घोषणा में मुख्य नीति गत दरों को ज्यों का त्यों छो़ड दिया था। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की फेडरल ओपेन मार्केट समिति (एफओएमसी) अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक 29-30 अप्रैल को करेगी। फेड ने 19 मार्च को कहा था कि मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद वह मासिक बांड खरीदारी को 10 अरब डॉलर और घटाकर 55 अरब डॉलर कर देगा।
 फेड 2014 के आखिर तक मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम को समाप्त कर देगा, जो बाजार में तरलता का एक ब़डा स्त्रोत रहा है। आने वाले दिनों में मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मानसून सत्र में बारिश कम होने की भविष्यवाणी का प्रभाव भी शेयर बाजार पर देखा जा सकता है। गुरूवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी मानसून के मौसम (जून-सितंबर) में बारिश कम होने की भविष्यवाणी की है। मौसम कार्यालय की भविष्यवाणी के मुताबिक मानसूनी बारिश पांच फीसदी की घट-बढ़ की मॉडल त्रुटि के साथ 89 सेंटीमीटर के दीर्घावधि औसत के 95 फीसदी रहने का अनुमान जताया। मानसून का देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर होता है। इसके कमजोर रहने से कृषि प्रभावित हो सकती है, महंगाई बढ़ सकती है और इससे अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।