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सेबी ने रखी वैकल्पिक निवेश कोषों के लिए कडी शर्ते

Source : business.khaskhabar.com | Jun 21, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 SEBI revises alternative investment fund guidelinesमुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कारोबार में पारदर्शिता को मजबूती देते हुए वैकल्पिक निवेश कोषों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें उनके लिए खुलासे की कडी शतेंü रखी गई हैं। वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) को भारत में मूल रूप से ऎसे कोषों के तौर पर स्थापित किया गया जो कि निवेश की पहले से तय नीति के तहत भारतीयों और विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटाते हैं।

 भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जारी परिपत्र में कहा कि एआईएफ दिशा-निर्देशों के मामले में कुछ स्पष्टीकरण जारी करने का फैसला किया गया। इसके अलावा इसमें निवेशकों के लिए पारदर्शिता बढाने और जानकारी देने के नियम रखने पर भी गौर किया गया। सेबी ने सभी एआईएफ से कहा है कि वह कोष के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं। कोष के प्रायोजकों, प्रबंधको, निदेशकों, भागीदारों, प्रवर्तकों और एसोसिएटस के बारे में पूरी जानकारी दें।

एआईएफ के प्लेसमेंट ज्ञापन में इसका पूरा ब्यौरा होना चाहिए। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कोषों को सभी लंबित और पुराने मामलों का ब्यौरा भी देना होगा। ऎसे मामले जिनमें कोई व्यक्ति दोषी पाया गया, आपराधिक अथवा दिवानी मामले हो अथवा कोई अन्य विवाद सभी जानकारियां देनी होंगी। मौजूदा एआईएफ को अपने निवेशकों को यह ब्यौरा 30 दिन के भीतर देना होगा। हालांकि, सेबी ने इसके साथ ही तीसरी श्रेणी के एआईएफ के लिए उनके दैनिक निवेश मामले में रिपोटिंüग आवश्यकताओं में कुछ राहत भी दी है। तीसरी श्रेणी के एआईएफ वह हैं जो अल्पकालिक प्राप्ति के लिए कारोबार करते हैं और इसमें हेज फंड भी शामिल हैं।

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