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यहां टमाटर के भाव 90 रूपये प्रति किलोग्राम

Source : business.khaskhabar.com | July 29, 2014 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 Rs 90 per kg tomatoes in Chhattisgarhरायपुर। छत्तीसगढ के बाजारों में टमाटर का खुदरा भाव 90 रूपये किलो हो गया है, लेकिन ताज्जुब की बात यह कि थोक में इसकी आधी कीमत पर ही बिक रहा है। पिछले एक पखवाडे में राजधानी रायपुर तथा प्रदेश के बाजारों में टमाटर 50 रूपये किलोग्राम से बढकर 70, फिर 90 रूपये किलो तक पहुंच गया। थोक कारोबारियों का दावा है कि हफ्तेभर पहले, जब बाहर से टमाटर की आवक कम थी, तब भी थोक में इसका अधिकतम रेट 36 से 45 रूपये किलो ही था।

 थोक सब्जी विक्रेता और उत्पादक टी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि राजधानी और राज्य में अब तक टमाटर का अधिकतम थोक रेट 50 रूपये किलो तक पहुंचा है। यह रेट पांच साल पहले भी आवक घटने के कारण हुआ था। लेकिन तब खुदरा कारोबारियों ने टमाटर 60 रूपये किलो से ज्यादा दर पर नहीं बेचा था। खुदरा बाजारों में यह बेहद संकट के समय भी 50-55 रूपये किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए था, लेकिन खुदरा कारोबारियों ने दिल्ली-मुंबई से आने वाली खबरों और अफवाहों के आधार पर टमाटर में दोगुना मुनाफा लिया है।

टमाटर के रेट की पडताल में पता चला कि थोक में रेट पिछले तीन दिन से और कम हो रहा है। कारोबारियों के मुताबिक, प्रदेश में टमाटर का थोक कारोबार कैरेट के आधार पर चलता है। तीन दिन पहले तक एक कैरेट 1,000 रूपये से 1,200 रूपये का था। एक कैरेट में करीब 26 किलो टमाटर आता है। यानी प्रति किलो कीमत 38 से 45 रूपये ही थी। इस लिहाज से बाजारों में खुदरा में टमाटर लोगों को अधिकतम 55 रूपये किलो में मिलना चाहिए था। इस बीच टमाटर को लेकर इतनी तेजी से अफवाहें फैलीं कि दाम 80 से 90 रूपये किलोग्राम तक पहुंच गया। खुदरा सब्जी कारोबार असंगठित क्षेत्र का व्यवसाय है। यहां कीमतों पर नियंत्रण नहीं है।

 चूंकि पूरे प्रदेश में टमाटर की आपूर्ति रायपुर की शास्त्री बाजार थोक मंडी से होती है, इसलिए दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव सहित अन्य शहरों के कारोबारियों ने भी वहां कीमतें बढा दीं। पूरी आवक बाहर से छत्तीसगढ में मुख्यत: टमाटर बेंगलुरू और नासिक से आता है। सबसे ज्यादा टमाटर रायपुर के शास्त्री बाजार में उतरता है। यहां से राज्यभर में भेजा जाता है। रायपुर में रोज 50 टन और पूरे प्रदेश में करीब 200 टन की खपत है। इसमें लोकल बाडियों से आपूर्ति महज 10 से 15 फीसदी ही है। दोनों शहरों से आवक कम होने पर ही छत्तीसगढ में कीमत बढती है।