मनमोहन के विकास के दावे पर महंगाई, भ्रष्टाचार भारी
Source : business.khaskhabar.com | Mar 31, 2014 |
नई दिल्ली। देश के दो बार प्रधानमंत्री रह चुके मनमोहन सिंह के कार्यकाल को एक ओर जहां तेज विकास के लिए जाना जाएगा, वहीं उनकी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के दाग और उच्चा महंगाई दर के लिए उनकी आलोचना भी की जाएगी। 81 वर्षीय के सिंह के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दो कार्यकाल में औसत विकास दर 7.5 फीसदी रही, जबकि उनकी पूर्ववर्ती राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल में औसत विकास दर 5.9 फीसदी रही थी। राज्यसभा में नेता विपक्ष अरूण जेटली ने कहा, ""यदि मनमोहन सिंह ने 2जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम आवंटन, कोला ब्लॉक आवंटन और राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में सख्त फैसले लिए होते, तो इतिहास उन्हें अलग तरीके से याद करता।""
पूर्व उप प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आम तौर पर मनमोहन सिंह के बारे में कहते हैं, ""एक अच्छा व्यक्ति लेकिन कमजोर प्रधानमंत्री।"" ऑक्सस रिसर्च एंड इन्वेस्टमेंट के अध्यक्ष सुरजीत एस.भल्ला ने आईएएनएस से कहा, ""महंगाई दर में उतार-चढ़ाव होता रहा, लेकिन पिछले छह साल में यह लगातार दहाई अंकों में बना रहा। ऎसा पहले कभी नहीं हुआ था।"" उन्होंने साथ ही कहा कि 2008 से औसत उपभोक्ता महंगाई दर 10 फीसदी से ऊपर रही है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम कहते हैं कि उच्चा आर्थिक विकास दर और 14 करो़ड लोगों को गरीबी से बाहर निकालना ब़डी उपलब्धि रही है।
विश्£ेषकों के मुताबिक, हालांकि यह काफी नहीं है। नई दिल्ली के एक थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के वरिष्ठ फेलो और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पूर्व पूर्व महासचिव राजीव कुमार ने कहा, ""ये 10 साल भारत के लिए हाथ से निकल चुके अवसरों का काल रहा है।"" 11,000 अरब रूपये की भारी-भरकम ईधन, ऊर्वरक और खाद्य सब्सिडी के लिए भी विश्£ेषक मनमोहन सिंह के कार्यकाल की आलोचना करते हैं। विश्£ेषकों के मुताबिक, इस राशि का उपयोग उत्पादक कार्यो पर किया जाना अधिक अच्छा रहता।