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फिच से देश की रेटिंग बढ़ाने की गुजारिश

Source : business.khaskhabar.com | Mar 13, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 India pitches for ratings upgrade with Fitchनई दिल्ली। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरूवार को वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच के समक्ष देश की रेटिंग बढ़ाने के लिए उपयुक्त जरूरी परिस्थितियां रखीं। उन्होंने फिच के अधिकारियों से कहा कि हाल में सुधार के लिए किए गए उपायों से विकास की संभावना बढ़ी है और वित्तीय घाटा कम करने का कार्यक्रम जारी है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने फिच के अधिकारियों के साथ हुई एक आधिकारिक बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ""भारत वित्तीय घाटा कम करने की योजना पर आगे बढ़ रहा है और बजट ने निवेश बढ़ाने के लिए पहले से अधिक उपयुक्त माहौल बनाया है। रेटिंग एजेंसियों के लिए भारत की रेटिंग बढ़ाने की संभावना पर विचार नहीं करने का कोई कारण नहीं है।"" अधिकारी ने कहा, ""चार कारणों से आर्थिक विकास दर बेहतर रहने की उम्मीद है : तेल मूल्य में गिरावट, सुधार का सम्मिलित प्रभाव, ब्याज दर में कमी और बेहतर मानसून पूर्वानुमान। वित्तीय घाटा कम करने की देश की बाध्यता थो़डी कम हुई है।""

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें वित्तीय घाटा कम करने के भरोसेमंद रास्ते पर चल रही है, इसलिए 2015-16 में वित्तीय घाटा का लक्ष्य पूरा होना संभव दिख रहा है। चालू खाता घाटा भी कम रहने की उम्मीद की जा सकती है। मंगलवार को जारी आंक़डे के मुताबिक, दिसंबर 2014 में समाप्त तिमाही में देखी का चालू खाता घाटा 8.2 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.6 फीसदी था, जो एक तिमाही पहले 10.1 अरब डॉलर या जीडीपी का दो फीसदी थी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि गत वर्ष समान अवधि में चालू खाता घाटा 4.2 अरब डॉलर या जीडपी 0.9 फीसदी था। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने गत महीने पेश आम बजट में वित्तीय घाटा कम करने की समय सीमा में एक साल की देरी करते हुए कहा कि समय सीमा पर अ़डे रहने से विकास प्रभावित हो सकता है। नई सीमा के मुताबिक, वित्तीय घाटा कम करते हुए 2015-16 में जीडीपी का 3.9 फीसदी, 2016-17 में 3.5 फीसदी और 2017-18 में 3.00 फीसदी रहेगी। उल्लेखनीय है कि वैश्विक रेटिंग एजेंसियां फिच, एसएंडपी और मूडीज ने भारत को सबसे निचले दर्जे की रेटिंग दे रखी है, हालांकि परिदृश्य को स्थिर श्रेणी में रखा है।