भारत में विश्व का सबसे बडा कार निर्यात बनने की क्षमता
Source : business.khaskhabar.com | Sep 25, 2014 |
नई दिल्ली। देश की शीर्ष कार निर्माता मारूति सुजुकी ने कहा कि भारत में विश्व का सबसे बडा कार विनिर्माता बनने की क्षमता है और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने के आहवान के मद्देनजर विनिर्माण को प्रभावित करने वाली वजहें खत्म होंगी। मार्ति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी केनिची अयुकावा ने मेक इन इंडिया अभियान शुरू होने के मौके पर कहा सरकार की विभिन्न नीतियों, प्रक्रियाओं, नियमों और कुछ कानूनों को जिस तरह लागू किया गया है उससे भारत में उत्पाद लागत बढेगी। अयुकावा ने कहा कि भारत ऎसा देश नहीं है जहां कारोबार करना सबसे आसान हो। उन्होंने कहा हमें पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत वे कारक तेजी से खत्म होंगे जो विनिर्माण की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऎसा होने पर भारत विश्व के विनिर्माण करने वाले सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी देशों में शामिल हो जाएगा। मोदी के मेक इन इंडिया अभियान का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि मारूति सुजुकी उन कुछ पहली बहुराष्ट्रीय कंपनियों में शामिल है जिन्होंने 1983 में भारत में बडा विनिर्माण परिचालन शुरू किया। अयुकावा ने कहा कि तकरीबन 30 साल पहले सुजुकी मोटर कार्पोरेशन के चेयरमैन ओसामु सुजुकी ने बाजार और देश के तौर पर भारत की संभावना की पहचान की थी, जहां उच्च गुणवत्ता वाला विनिर्माण संभव है। मारूति सुजुकी, सुजुकी समूह का सबसे अधिक सफल उद्यम है। उन्होंने कहा कि मारूति सुजुकी भारत में जो कारें बनाती है वे विश्व के किसी और हिस्से में बने इसी तरह के उत्पादों की लागत से कम है।
इसने मारूति को 1986 में पश्चिमी यूरोप समेत विभिन्न देशों में कारों का निर्यात शुरू करने में मदद की। सुजुकी जापान ने 1994 में यूरोपीय देशों में कांपैक्ट कार जेन के निर्यात के लिए भारत को अपना विनिर्माण केंद्र बनाया। मारूति 1983 से भारत में कल-पुर्जा विमिर्नाण उद्योग विकसित के लिए विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा इसके साथ-साथ स्थानीय जरूरत के मुताबिक कम लागत पर तेजी से बढता कार उत्पादन और बढती मांग के कारण ही विश्व की प्रमुख कार कंपनियों को भारत में उत्पादन संयंत्र स्थापित करने में मदद मिली। कार उद्योग की वृद्धि से भारत में कई वैश्विक वाहन कल-पुर्जा कंपनियों का निवेश आया।