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हवाईअड्डों की निजीकरण योजना पर विचार करेगी सरकार

Source : business.khaskhabar.com | Sep 29, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Govt having relook at UPA airport privatisation planनई दिल्ली। देश में ऊंचे हवाईअड्डा शुल्क को लेकर विमानन कंपनियों की शिकायतों के बीच सरकार पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में शुरू की गई छह हवाई अड्डों के निजीकरण की प्रक्रिया पर नए सिरे से विचार करेगी। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने केंद्र और राज्यों तथा हवाईअड्डा डेवलपर्स, एयरलाइंस, यात्री संघों और ट्रैवेल आपरेटरों के बीच नए सिरे से व्यापक विचार विमर्श का सुझाव दिया है जिसके बाद सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल में हवाईअड्डों के निर्माण व परिचालन में माडल रियायती करार को अंतिम रूप दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नागर विमानन मंत्रालय व योजना आयोग के बीच माडल रियायती करार पर मतभेदों की वजह से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। इसके अलावा राजस्व भागीदारी व लीज की अवधि के मुद्दे पर भी मतभेद थे। बाद में आम चुनाव की घोषणा के बाद यह प्रक्रिया रक गई। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अब माडल करार के मसौदे को अधिक स्पष्ट करने के लिए सभी अंशधारकों के विचार लेने को विचार विमर्श चल रहा है। इससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी और बाद में अंशधारकों के स्तर पर किसी तरह की शिकायत से बचा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि संबंधित पक्षों के बीच ऊंचे हवाईअड्डा शुल्क और एयरलाइंस को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों की वजह से नई बहस छिड गई है। उन्होंने कहा कि नए सिरे से चर्चा इसलिए जरूरी है कि निजीकरण से हवाईअड्डा शुल्क व लागत न बढे। वित्त और नागर विमानन मंत्रालयों तथा योजना आयोग के अधिकारियों के अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने मास्टर रियायती करार में राजस्व भागीदारी माडल और हवाई अड्डों में सार्वजनिक निजी भागीदारी माडल जैसे मुद्दों पर नए सिरे से विचार विमर्श शुरू कर दिया है।