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समय के आगे थमी एचएमटी घडियों की सूइयां, जल्द बंद होगा उत्पादन

Source : business.khaskhabar.com | Sep 11, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Government decides to shut down HMT wathchesनई दिल्ली। देश के हजारों लोगों के हाथों पर सजकर समय बताने वाली एचएमटी घडियां अब जल्द ही इतिहास बन जाएंगी। सरकार ने एचएमटी घडी का उत्पादन बंद करने का निर्णय लिया है। इसकी वजह है एचएमटी का 2000 से घाटे में चलना। कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पर्याप्त धन की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी, इसलिए सरकार ने इसे बंद करने का निर्णय लिया है। 1961 में जापान की सिटीजन वाच के सहयोग से स्थापित एचएमटी को 2012-13 में 242.47 करोड जबकि 2011-12 में 224-04 करोड का शुद्ध घाटा हुआ था। इस साल के अंत में इसने सरकार से 694.52 करोड रूपये का कर्ज लिया था जिससे कि बकाया और कर्मचारियों की तनख्वाह चुकाई जा सके।

 एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सरकार ने एचएमटी वाचेज और एचएमटी चिनार वाचेज लिमिटेड को बंद करने का निर्णय ले लिया है। बोर्ड ऑफ रिकंस्ट्रक्शन ऑफ पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज ने पहले ही इसकी पहल कर दी थी और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने भी इसे सहमति दे दी। बंद करने की प्रçRया जल्द ही शुरू हो जाएगी। साल 2000 में एचएमटी वाच बिजनेस ग्रुप की एचएमटी वाचेज लिमिटेड के रूप में पुनर्संरचना की गई लेकिन थोडे दिनों बाद ही कंपनी घाटे में चलने लगी जिसके बाद पुनरूद्धार कार्यRम शुरू किया गया। कंपनी में 31 मार्च 2013 तक 1105 कर्मचारी थे।

 एचएमटी वाचेज की चार यूनिट हैं, इनमें से दो कर्नाटक के बेंगलुरू और टुमकुर में है जबकि एक अन्य उत्तराखंड के रानीबाग में हैं। वहीं एचएमटी चिनार की दो यूनिट है और ये जम्मू और श्रीनगर में है। एचएमटी ने 2012-13 में 11.06 करोड रूपये की बिRी की जबकि एचएमटी चिनार ने 36 लाख रूपये की।