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चार साल में सोना सबसे निचले स्तर पर

Source : business.khaskhabar.com | Aug 05, 2015 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 Gold at the lowest level in four yearsवैश्विक स्तर पर मंदी का दौर दोनों कीमती धातुओं पर देखने को मिल रहा है। वैश्विक मंदी के असर से सोना चांदी की स्थिति पेशोपेश में रहती है। व्यापारी भी असमंजस में रहते हैं कि पता नहीं आज सोने का क्या भाव रहेगा क्योंकि पिछले कुछ दिनों से सोने व चांदी के भावों में नरमी आई है। और सोने के भाव गिरते हुए बुधवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 25020 रूपये प्रति दस ग्राम तथा चांदी तकरीबन 33700 रूपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी।

यह भाव चार साल के सबसे निचले स्तर पर बताए जा रहे हैं। यानि चार साल में पहली बार सोने के भाव इतने गिरे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के एक अधिकारी डेनिस लॉकहार्ट के इस बयान के बाद कि वह सितंबर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का समर्थन करेंगे, डॉलर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, जिसके दबाव में दोनों कीमती धातु कमजोर हुए हैं। स्थानीय बाजार में इससे पहले पिछले महीने सोना 25050 रूपये प्रति दस ग्राम तथा मंगलवार को चाँदी 37750 रूपये प्रति किलोग्राम तक उतरी थी। सोना स्टैंर्डड में बुधवार लगातार तीसरे दिन गिरावट देखी गयी और यह 110 रूपये टूटकर 06 अगस्त 2011 के बाद के निचले स्तर 25020 रूपये प्रति दस ग्राम पर आ गया. सोना बिटुर भी इतनी ही गिरावट के साथ 24870 रूपये प्रति दस ग्राम बोला गया. हालाँकि, आठ ग्राम वाली गिन्नी 22200 रूपये पर टिकी रही। चाँदी में भी लगातार तीसरे सा गिरावट जारी रही।

चाँदी हाजिर 50 रूपये लुढ़ककर 33700 रूपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी जो 05 अक्टूबर 2010 के बाद का इसका निचला स्तर है। चाँदी वायदा भी 30 रूपये उतरकर 33430 रूपये प्रति किलोग्राम पर रही। सिक्का लिवाली और बिकवाली में कोई बदलाव नहीं हुआ और ये क्रमश 48 हजार और 49 हजार रूपये प्रति सैक़डा पर स्थिर रहे। लंदन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुरूआती कारोबार में सोना हाजिर 1.4 डॉलर फिसलकर 1085.2 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। अमेरिकी सोना वायदा भी 6.60 डॉलर नीचे 1084.10 डॉलर प्रति औंस बोला गया। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, श्री लॉकहार्ट के बयान से पीली धातु पर दबाव बढ़ा है। उन्होंने वॉल स्ट्रीट जरनल को दिये साक्षात्कार में कहा था कि वह सितंबर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का समर्थन करेंगे। उल्लेखनीय है कि फेडरल रिजर्व पहले की स्पष्ट कर चुका है कि वह इस साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा।