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सीबीआई ने बंद की टाट्रा ट्रक घोटाले की जांच

Source : business.khaskhabar.com | Aug 27, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 CBI files closure report in Tatra vehicle purchase scamनई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने सभी तरह की जमीन पर चलने में सक्षम टाट्रा वाहनों की सेना को आपूर्ति में कथित अनियमितताओं की अपनी जांच मंगलवार को बंद कर दी। जांच एजंसी ने कहा है कि इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए साक्ष्य अपर्याप्त हैं। एजंसी ने यहां विशेष सीबीआइ अदालत में मामला बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की।

सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि रवींद्र रिषी की ओर से प्रवर्तित टाट्रा सिपाक्स यूके की ओर से आपूर्ति किए गए सभी तरह के स्थलों पर चलने में सक्षम ट्रक के खिलाफ आरोप जांच के दौरान टिक नहीं पाए, क्योंकि चेकोस्लोवाकिया स्थित कंपनी ने लिखित में दिया है कि रिषी की कंपनी उसके उत्पादों की अधिकृत वितरक है। उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि शुरूआती भुगतान डालर में होना था जिसे बाद में बदलकर यूरो में कर दिया गया।

इससे लागत बढ गई। लेकिन यह आरोप भी कानूनी समीक्षा में टिक नहीं पाया क्योंकि बैंक ऑफ चेकोस्लोवाकिया ने दावा किया था कि वही वह बैंक था जिसने मुद्रा में बदलाव पर जोर दिया था। सीबीआइ ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि टाट्रा की ओर से आपूर्ति किए गए ट्रकों के कम स्वदेशी होना कोई चूक नहीं है। एजेसी सूत्रों ने कहा कि जांच में एकत्र किए गए साक्ष्य चूंकि तीन प्रमुख आरोपों का समर्थन नहीं करते लिहाजा मामला बंद करने की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्णय किया गया। सीबीआई ने यह मामला तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की उस शिकायत के बाद दर्ज किया था कि उन्हें टाट्रा वाहनों की खरीद को मंजूरी देने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई थी।

सीबीआई ने इस मामले में चेकोस्लोवाकिया स्थित टाट्रा की ओर से आपूर्ति में कथित अनियमितता का मामला दर्ज किया था। इसके लिए मूल समझौता 1986 में चेकोस्लोवाकिया स्थित कंपनी के साथ किया गया था।

वाहनों की आपूर्ति का जिम्मा रिषी की स्वामित्व वाली टाट्रा-सिपाक्स यूके को 1997 में दिया गया। दूसरी कंपनी को मूल उपकरण निर्माता और चैक कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में बताया गया जो कथित रूप से नियमों के खिलाफ था। प्राथमिकी में यह आरोप भी लगाया गया कि ऊंचे दामों पर ट्रकों की आपूर्ति जारी रखी गई जबकि बीईएमएल के पास अन्य विकल्प भी उपलब्ध थे। एजेंसी ने यह भी पता लगाने का दावा किया था कि बीईएमएल के शीर्ष अधिकारी रवींद्र रिषी की ओर से प्रवर्तित टाट्रा-सिपाक्स यूके पर निर्भरता की बात कथित रूप से कहते रहे थे, जबकि यह कंपनी ट्रकों के मूल निर्माता टाट्रा एएस की अधिकृत प्रतिनिधि थी।