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सबसे बडी बिस्किट कंपनी बनी ब्रिटानिया

Source : business.khaskhabar.com | May 30, 2015 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 Britannia edges past Parle as top biscuit companyमुंबई। पिछले कुछ महीनों के दौरान 25 हजार करोड के भारती बिस्किट मार्केट में काफी बदलाव आए हैं और नुस्ली वाडिया की कंपनी ब्रिटानिया बिस्किट इंडस्ट्री की टॉप कंपनी पारले से मामूली अंतर से आगे निकल गई है। ऑल इंडिया नील्सन के आंकडों के मुताबिक इस साल अप्रैल में ब्रिटानिया के मार्केट शेयर की वैल्यू 28 फीसदी से ज्यादा थी जबकि पारले के शेयरों की कीमत 27.5 फीसदी थी। इससे ब्रिटानिया को पारले पर 0.5 फीसदी की बढत मिल गई। ब्रिटानिया के सूत्रों के मुताबिक उसने पारले पर इस साल फरवरी, मार्च के दौरान ही बढत बनानी शुरू कर दी थी और यह अब भी जारी है।

हालांकि सालाना आंकडों के आधार पर अभी भी वैल्यू और बिक्री के मामले में पारले टॉप पर है। उसके पारले-जी बिस्किट की लोकप्रियता को देखते हुए किसी भी कंपनी के लिए उसे बिक्री के मामले में पीछे छोड पाना मुश्किल है। विजय चौहान और शरद चौहान की कंपनी पारले, जोकि बिस्किट मार्केट की अग्रणी कंपनी है के पिछडने का कारण ग्लूकोज बिस्किट मार्केट में गिरावट है। कंपनी अब अपने खोए हुए मार्केट को दोबारा हासिल करने के लिए बच्चों को टारगेट करते हुए कई एक्सलूसिव पैक उतारने जा रही है। वाडिया द्वारा यूनिलिवर और पेप्सी के लिए काम कर चुके दिग्गज वरूण बेरी को ब्रिटानिया का नया मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए जाने के बाद से ही कंपनी आक्रामक मोड में है। इस कंपनी में कुछ साल पहले तक फ्रेंच कंपनी डानोने की भी बराबर की हिस्सेदारी थी। कंपनी पर अपने मार्केट शेयर को बचाए रखने और मुनाफा कमाने का दबाव था।

इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ब्रिटानिया ने एक दशक पहले भी पारले पर बढत बनाई थी लेकिन वह इसे बरकरार नहीं रख सका। ब्रिटानिया के गुड डे और न्यूट्रीचॉइस जैसे बडे ब्रैंड्स ने हाल क्वॉर्टर्स में उसकी ग्रोथ बढाने में प्रमुख योगदान दिया है। इन ब्रैंड्स का कुल बिस्किट मार्केट में 1 फीसदी हिस्सा है। ब्रिटानिया अपनी सफलता का श्रेय अपने लोगों को देती है। बेरी कहते हैं, "हमारी निगाहें मुनाफे और ग्रोथ पर थी। अगर आप मुझसे पूछे तो जिस एक चीज ने हमें मार्केट लीडर बनाया वह हैं लोग। हमने सीनियर फंक्शंस से सही लोगों को चुना और उन्हें ज्यादा बडी भूमिका निभाने को दी। इससे हमे गति मिली और कंफर्ट जोन से बाहर आने में मदद मिली।" ग्यारह सीनियर ऎग्जिक्यूटिव्स अब सीधे बेरी को रिपोर्ट करते हैं, जिनमें से आठ ब्रिटानिया के अनुभवी लोग हैं। बेरी ने कहा, "उनमें से कुछ लोग जो कम अब कर रहे हैं उससे दो लेवल नीचे थे। लेकिन यह निर्णय सही साबित हो रहा है।" बेरी किसी निश्चित आंकडें के बारे में तो बात नहीं करते लेकिन वह कहते हैं कि कंपनी पारले और आईटीसी फूड्स के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में बडी लीड लेना चाहती है।

बिस्किट मार्केट में आईटीसी के आने से काफी बदलाव आ गया है। आज बिस्किट मार्केट में आईटीसी का हिस्सा 11 फीसदी का है जबकि ब्रिटानिया और पारले का हिस्सा 33-35 फीसदी है। हालांकि क्रीम बिस्किट के क्षेत्र में कहानी अलग है। क्रीम बिस्किट सेगमेंट में आईटीसी 27 फीसदी शेयर के साथ टॉप पर है, जबकि इस क्षेत्र में ब्रिटानिया के 18 फीसदी और पारले के 14 फीसदी शेयर ही हैं। आईटीसी का फूड बिजनस ने अपने पॉप्युलर क्रीम बिस्किट को एक नए सब ब्रैंड बाउंस के तहत स्थांतरित कर दिया है, जोकि इंडस्ट्री में सबसे बडा क्रीम ब्रैंड बनकर उभरा है। पारले ने प्रीमियम बिस्किट सेगमेंट में अपनी मार्केटिंग स्ट्रैटिजी में बदलाव करते हुए पारले रस्क और पारले हाइट ऎंड सीक ब्लैक बरबन, पारले हैपी ड्यूल क्रीम और पारले मिलानो सेंटर फिल्ड कूकीज जैसे कई नए प्रॉडक्ट लॉन्च किए हैं।