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ऋण नहीं चुका पा रही कंपनियों के स्वामित्व में बदलाव हो : आरबीआई

Source : business.khaskhabar.com | Aug 30, 2016 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 the loan has not been able to change the ownership of companies rbi 76092चेन्नई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने सोमवार को कहा कि जो कंपनियां कर्ज नहीं चुका रही हैं, वे मालिक या प्रबंधक बदलें, ताकि संचालन क्षमता में सुधार आए। आरबीआई की वर्ष 2015-16 की वार्षिक रिपोर्ट सोमवार को जारी हुई। इसकी भूमिका में उन्होंने कहा है कि समीक्षा के तहत इस अवधि में संपत्ति की गुणवत्ता समीक्षा शुरू की गई उससे अनुपयोज्य आस्तियां (एनपीए) और बैंकों का इसके लिए प्रचुर मात्रा में प्रावधान को बेहतर ढंग से समझा गया। राजन ने कहा, अब अधिक ध्यान जिन संपत्तियों पर बोझ है, उनके संचालन की दक्षता बढ़ाने और पूंजी का एक सही ढांचा बनाने पर केंद्रित किया जाना चाहिए, ताकि सभी पणधारियों को लाभ मिल सके। इसका अभिप्राय दोनों मोर्चों पर साथ-साथ कार्रवाई से है।

उनके अनुसार, जहां जरूरी है वहां नया प्रबंधन दल लाया जाया जाए, कभी-कभी मालिक के रूप में और जहां यह संभव नहीं हो वहां प्रबंधकों के रूप में ऐसा किया जाए। नए प्रबंधन दल का रचनात्मक खोज जरूरी है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों या निजी क्षेत्र के एजेंटों का संभावित इस्तेमाल शामिल है। यह बोनस के रूप में धनापूर्ति/ लाभ का न्यूनतम मानदंड और स्टॉक के विकल्पों के लिए एक सुगठित कामकाज की पहल है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि कर्ज पहले से ही एनपीए है तो जितना संभव है उसके पुनगर्ठन की कोई सीमा नहीं है। यदि कर्ज सही है, लेकिन परियोजना संघर्ष के दौर से गुजर रही है तो हमारे पर कई तरह के उपाय हैं जिनके जरिए और संवेदनशील तरीके से परियोजना के लिए पूंजी विन्यास किया जा सकता है।’’  

राजन ने आगे कहा कि बैंक जो अभी कुछ मुश्किलों का सामना कर रहे हैं वे बैंकों द्वारा योजना के एक अयथार्थवादी प्रयोग के कारण हरं। वे सावधानी से प्रबंधन प्रभाव या पूंजी विन्यास को बदलने की जगह वे चाहते हैं कि कर्ज को एनपीए के रूप में मानना टाल सकें। उन्होंने कहा कि आरबीआई इस पर नजर रखना जारी रखेगी कि योजनाओं का इस्तेमाल वैसे ही हो रहा है, जैसा होना चाहिए। राजन ने वित्तीय क्षेत्र में और प्रतिस्पर्धा का आह्वान किया, ताकि कार्यक्षमता बढ़ सके।