businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

चीनी की कीमतें स्थिर रहने की संभावना : इस्मा

Source : business.khaskhabar.com | Dec 15, 2017 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 sugar prices likely to remain stable isma 278886नई दिल्ली। चीनी उद्योग का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक चालू पेराई सत्र 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में देश में चीनी का उत्पादन 251 लाख टन हो सकता है। इसके साथ पिछले साल का कैरी फॉरवर्ड स्टॉक 39 लाख टन था। दोनों मिलाकर पूरे सीजन के लिए 290 लाख टन चीनी की पूर्ति रहेगी जबकि सालाना मांग महज 250-252 लाख टन रहेगा।  

 इस्मा की 83वीं सालाना आम बैठक के दौरान गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत में इस्मा महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि अगले सीजन के अक्टूबर- नवंबर दो महीने की खपत के लिए इस साल भी हमारे पास तकरीबन 40 लाख चीनी बच जाएगी। इस तरह इस साल मांग और आपूर्ति दोनों समान है जिसके कारण कीमतों में भी स्थिरता बनी रह सकती है।

चीनी मिल दरों में (एक्स शुगर-मिल रेट्स) में हालिया गिरावट को अविनाश वर्मा ने चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ कमजोर चीनी मिलों पर गन्ने का दाम किसानों को अदा करने का दबाव था इसलिए उन्होंने कम कीमतों पर चीनी बेचना शुरू कर दिया। दूसरी जो बड़ी वजह रही है वह अगले सत्र का अनुमान है। चूंकि चीनी वर्ष 2018-19 के लिए बढ़ा-चढ़ा कर अनुमान पेश किया गया जोकि एक तरह की अफवाह थी, उसे तथ्य से कुछ भी लेना-देना नहीं था। इसलिए चीनी कीमतों पर दबाव देखा गया।’’

 अभी उत्तर प्रदेश में चीनी की मिल दरें 3400 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि यह महाराष्ट्र में चीनी मिलें 3200 रुपये प्रति क्विंटल पर चीनी बेच रही हैं। इन दरों पर चीनी मिलों को घाटा हो रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में उत्पादन लागत क्रमश: 3500 रुपये और 3400 रुपये प्रति क्विंटल आती है।

केंद्र सरकार ने इस साल गन्ने का लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 25 रुपये बढ़ाकर 255 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को 315 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चीनी मिलें भुगतान करती हैं क्योंकि वहां एफआरपी पर राज्य समर्थित मूल्य(एसएपी) भी दिया जाता है।

पिराई सत्र 2016-2017 (अक्टूबर से सितंबर) में देशभर में चीनी का उत्पादन महज 203 लाख टन था, लेकिन उत्तर प्रदेश में उत्पादन में काफी इजाफ हुआ और प्रदेश में 87 लाख टन से ज्यादा चीनी का उत्पादन दर्ज किया गया। इस साल 2017-2018 में उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 101 लाख रहने का अनुमान है।

वहीं, महाराष्ट्र में इस साल चीनी का उत्पादन 74 लाख टन रह सकता है। कर्नाटक की चीनी मिलें 25 लाख टन चीनी का उत्पादन कर सकती हैं। लेकिन तमिलनाडु में चीनी के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले कमी आने की संभावना है। इस्मा महानिदेशक ने तमिलनाडु में पिछले साल के 11 लाख टन के मुकाबले चीनी का उत्पादन छह लाख टन रहने की संभावना जताई है।

गौरतलब है कि चीनी पर पांच फीसदी जीएसटी है। गुरुवार को मुंबई के बाजारों में चीनी का थोक मूल्य 3400-3550 रुपये प्रति क्विंटल था। जबकि कोल्हापुर में एक्स मिल रेट 3150-3250 रुपये प्रति क्विंटल रहा। मुजफ्फरनगर बाजार में चीनी का थोक मूल्य 3650 रुपये क्विंटल था जबकि एक्स मिल रेट 3360 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया। दिल्ली के थोक बाजार में चीनी 3700-3800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही थी।
 
चीनी कारोबारियों पर स्टॉक लिमिट की शर्तें अभी तक लागू है जिसके मुताबिक कोई कारोबारी एक समय में अपने स्टॉक में कोलकाता में 1000 टन और देश के अन्य भागों में 500 टन चीनी रख सकता है। साथ ही, कोई भी स्टॉक उसकी खरीद के एक महीने के भीतर बेचना भी अनिवार्य है।

जाहिर है कि मौजूदा दौर में नई चीनी की आवक के साथ उपलब्धता ज्यादा होने से चीनी की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। (आईएएनएस)

[@ भारत के खिलाफ इस मामले में नं.1 बल्लेबाज हैं जॉर्ज बेली, ये हैं टॉप...]


[@ इस कुण्ड में नहाने से भागते हैं भूत!]


[@ बदलते मौसम में एलर्जी से ऐसे करें बचाव]