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सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से अधिक गिरावट (साप्ताहिक समीक्षा)

Source : business.khaskhabar.com | Apr 30, 2016 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 sensex nifty fall more than half a percent 32733मुंबई । देश के शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह करीब आधा फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.90 फीसदी यानी 231.52 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 25,606.62 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.63 फीसदी यानी 49.5 अंकों की गिरावट के साथ 7,849.80 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के 30 में से 8 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। टीसीएस (4.67 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (3.77 फीसदी), अडाणी पोट्र्स (3.36 फीसदी), ल्युपिन (3.18 फीसदी) और भारती एयरटेल (2.99 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे आईसीआईसीआई बैंक (6.09 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (5.48 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.41 फीसदी), एचडीएफसी (3.77 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (3.32 फीसदी)।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.22 फीसदी या 24.28 अंकों की तेजी के साथ 11,042.92 पर और स्मॉलकैप 0.53 फीसदी या 58.25 अंकों की गिरावट के साथ 11,020.59 पर बंद हुआ।

सोमवार 25 अप्रैल को जारी एक सरकारी बयान में कहा गया कि देश में वित्त वर्ष 2015-16 के प्रथम 11 महीनों में रिकार्ड 51 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ।

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक ने यहां बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा, ‘‘अप्रैल से फरवरी 2015-16 में देश में रिकार्ड 51 अरब डॉलर से अधिक का एफडीआई आया है, जो अब तक का सर्वाधिक है।’’

गुरुवार 28 अप्रैल को बैंक ऑफ जापान ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार नहीं बढ़ाने का फैसला किया। साथ ही उसने अपनी प्रमुख दरों में भी कटौती नहीं की। बाजार को उम्मीद थी कि वह अपनी राहत योजना का आकार बढ़ाएगा और प्रमुख ब्याज दर में कटौती करेगा।

मंगलवार और बुधवार को अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने दो दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों को फिलहाल नहीं बढ़ाने का फैसला किया। फेड ने यह भी स्पष्ट संकेत नहीं दिया कि अगली बार वह प्रमुख दरों में कब वृद्धि कर सकता है।(IANS)