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‘2018 से जनवरी-दिसंबर वित्तीय वर्ष लागू करने की योजना नहीं’

Source : business.khaskhabar.com | July 31, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 santosh gangwar says no plan to shift to january december financial year from 2018 241949नई दिल्ली। वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा है कि सरकार के अंदर वित्तीय वर्ष को अप्रैल-मार्च की जगह जनवरी-दिसंबर करने की चर्चा चल रही है लेकिन यह बदलाव अगले साल से नहीं होने जा रहा है। गंगवार ने कहा कि अगला वित्त वर्ष जनवरी 2018 से शुरू करने के लिए सरकार को वर्तमान आम बजट नवंबर के आसपास पेश करना होगा, जो फिलहाल संभव दिखाई नहीं दे रहा क्योंकि यह प्रक्रिया समय लेने वाली है और इसे काफी पहले से शुरू करना होगा।

गंगवार ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, ये सब अभी सरकार के बीच चर्चा के मुद्दे हैं। फिलहाल के लिए मार्च को ही इस वित्त वर्ष का समापन मानिए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद के वर्तमान सत्र में कहा था कि सरकार वित्त वर्ष जनवरी से दिसंबर तक का करने पर विचार कर रही है। इसके बाद से चर्चा का बाजार गर्म है कि यह बदलाव 2018 से होगा। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और सरकार अपने रुख पर कायम है कि इस पर चर्चा जारी है।

विशेषज्ञों का अनुमान था कि एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद एक और इतना बड़ा बदलाव जल्द संभव नहीं होगा क्योंकि इस बदलाव के साथ संचालन संबंधी कई मसले जुड़े हैं, जिनमें इस वर्ष को तीन तिमाहियों में सीमित करना, सरकार के खातों में बदलाव, आयकरदाताओं के लिए नया निर्धारण वर्ष और आम बजट पेश करना शामिल है। नरेंद्र मोदी सरकार एक अप्रैल से वित्त वर्ष शुरू करने से पूर्व सभी विधायी प्रक्रियाएं पूरी करने और वार्षिक खर्च के लिए मंजूरी हासिल करने के मकसद से 2017 से आम बजट को पहले ही एक महीने पहले यानी फरवरी में खिसका चुकी है।

अभी तक जनवरी-दिसंबर के वित्त वर्ष को अपनाने वाला मध्य प्रदेश एकमात्र राज्य है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो मई को घोषणा की थी कि राज्य 2018 से नया वित्त वर्ष अपनाएगा और 2017 के अंत तक अपने सभी बजट संबंधी कार्यो को पूरा कर लेगा। चौहान ने राज्य सरकार के कार्यो को तिमाही, अर्ध वार्षिक और वार्षिक चक्र में पूरा करने का खाका तैयार करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। भारत में अप्रैल-मार्च वित्त वर्ष ब्रिटिश सरकार के अनुरूप करने के लिए 1867 में अपनाया गया था। इससे पूर्व भारतीय वित्त वर्ष एक मई से शुरू होता था और 30 अप्रैल को समाप्त होता था।

इसी बीच, जीएसटी परिषद की बैठक पांच अगस्त को होने वाली है। गंगवार ने कहा कि इसमें नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू होने के बाद से उपजे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि कपड़े, हाईब्रिड कार और सोने पर कर की दरों पर विचार होगा। गंगवार ने कहा, हमने फैसला किया है कि जो भी बदलाव जरूरी हैं, वे पांच अगस्त को लाए जाएंगे।

लोगों द्वारा जिन समस्याओं का सामना किया जा रहा है..परिषद उन पर चर्चा करेगी और साथ ही विचार करेगी कि क्या किसी बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, जब से जीएसटी लागू किया गया है, सभी राज्यों से लोग कर दरों पर सुझाव पेश कर रहे हैं। हम उन पर विचार करेंगे। मंत्री ने हालांकि कहा कि जीएसटी लागू करने में ज्यादा समस्या सामने नहीं आई और सरकार अधिक चुनौतियों के लिए तैयार थी। गंगवार ने कहा, इसमें जितना अंदेशा था, उससे कम ही रुकावटें और समस्याएं सामने आईं।

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