IIP आंकडा झूठा सकारात्मक:क्रिसिल
Source : business.khaskhabar.com | Jan 22, 2017 |
नई दिल्ली। क्रिसिल रिसर्च ने नवंबर 2016 के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आधिकारिक आंकडे को झूठा सकारात्मक बताया है। क्रिसिल ने कहा है कि आईआईपी के ताजा आंकडे भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की सही स्थिति को जाहिर नहीं करते। सभी अनुमानों को झुठलाते हुए इस महीने के प्रारंभ में जारी देश के फैक्ट्री उत्पादन में नवंबर में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई गई है। यह वृद्धि आईआईपी द्वारा मापी गई है। अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 1.81 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जबकि एक वर्ष पहले इसी महीने में इसमें 3.4 प्रतिशत गिरावट आई थी।
अमेरिकी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स की सहयोगी कंपनी, क्रिसिल की ओर से जारी एक बयान के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में नवंबर माह में वर्ष दर वर्ष आधार पर 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि वृद्धि के लिए आधार बहुत कमजोर था। ऑटो जैसे कुछ क्षेत्रों के उत्पादन रूझान को देखा जाए तो अगले महीने (दिसंबर)का आईआईपी वृद्धि के आंकडे से विमुद्रीकरण के प्रभाव का ज्यादा अच्छा संकेत मिल सकता है।
विनिर्माण की स्थिति का सही तस्वीर नहीं...
क्रिसिल के प्रमुख अर्थशास्त्री डीके जोशी ने कहा,आईआईपी आधार वर्ष को अद्यतन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि आंकडा विश्लेषण में झूठा सकारात्मक शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। जोशी ने कहा,इस शब्द का मतलब यह होता है कि वृद्धि दर का जो संकेत दिया गया है, वह बहुत अधिक है। इसके नकारात्मक रहने की संभावना थी,क्योंकि नवंबर विमुद्रीकरण के प्रभाव का प्रथम महीना था। उन्होंने कहा, अक्टूबर में आईआईपी में 1.8 प्रतिशत गिरावट आई थी। नवंबर में यह अचानक बढ गया, और इसलिए हम कहते हैं कि यह विनिर्माण की स्थिति का सही तस्वीर नहीं है।
जोशी ने कहा,यदि महीने दर महीने आंक़डे में इतनी अस्थिरता है तो इसका इस्तेमाल दीर्घकालिक अनुमानों के लिए नहीं किया जा सकता। इसके अलावा अप्रैल-नवंबर की अवधि में देश के फैक्ट्री उत्पादन की कुल वृद्धि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान की कुल वृद्धि 3.8 प्रतिशत से काफी कम 0.4 प्रतिशत थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1000 रूपये के नोट अमान्य किए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि यह कदम काले धन, नकली मुद्रा और आतंवाद को वित्तपोषण के खिलाफ है। सरकार के इस कदम के कारण देश में नकदी की भारी किल्लत पैदा हो गई थी, और नागरिकों को अपने पुराने नोट बैंकों में जमा करने के लिए 30 दिसंबर तक का समय दिया गया था। (आईएएनएस)
[@ इन 4 बातों से आती हैं गरीबी, भूलकर भी नहीं करे ये काम]
[@ लेडी गागा को पसंद है ऐसे पुरुष ]
[@ धोनी ने T20 और वनडे में कप्तानी से इन 10 रिकॉर्ड में मचाई धूम]