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अब लाइफस्टाइल ब्रांड बन गया है रॉयल इनफील्ड : गौरव गिल

Source : business.khaskhabar.com | Sep 14, 2016 | businesskhaskhabar.com Automobile News Rss Feeds
 now has become the lifestyle brand royal enfield gaurav gill 84254नई दिल्ली। देश के अग्रणी रैली चालक गौरव गिल बीते दिनों मोटर बाइक कम्पनी-रॉयल इनफील्ड से जुड़े। गिल ने अपने गृहनगर दिल्ली में रॉयल इनफील्ड का एक शोरूम खोला। गिल मानते हैं कि इस ब्रांड के साथ उनके जुड़ाव का सबसे बड़ा कारण यह है कि बीते कुछ सालों में यह एक लाइफस्टाइल ब्रांड के तौर पर उभरा है।

इस सम्बंध में आईएएनएस ने गिल से बात की। रैली चालक से बिजनेसमैन बने गिल ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह मेरे लिए बिल्कुल नया काम है लेकिन मैं इससे काफी खुश हूं। रॉयल इनफील्ड जैसे ब्रांड से जुडऩा अपने आपमें अच्छा अनुभव है। हां, जो मैं करता हूं यह उससे बिल्कुल अलग है लेकिन मैं इसे लेकर काफी रोमांचित हूं।’’

बीते कुछ सालों में रॉयल इनफील्ड की बिक्री में काफी तेजी से इजाफा हुआ है और यह आज की तारीख में न सिर्फ बड़े शहरों में बल्कि मध्यम दर्जे के शहरों में भी युवाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है।

गिल ने इसे लेकर कहा, ‘‘जिस अंदाज में रॉयल इनफील्ड विकास कर रहा है, यह साबित करता है कि यह एक लाइफस्टाइल ब्रांड बन चुका है। इस कम्पनी ने खुद को बदल दिया है और इसके लिए इसने खूब मेहनत की है। युवाओं से लेकर प्रौढ़ लोगों तक इसकी पहुंच है। जो लोग 50 या 60 के दशक में रॉयल इनफील्ड चलाया करते थे, अब वापस इसे चलाने की इच्छा रखते हैं।’’

एशिया पैसेफिक रैली चैम्पियन रह चुके गिल पहले ऐसे भारतीय चालक हैं, जिन्होंने एफआईए एशिया पैसेफिक रैली में हिस्सा लिया है। साल 2013 में एशिया पैसेफिक रैली चैम्पियनशिप में पहली बार हिस्सा लेने के बाद गिल ने 2014 में इसका चैमिप्यन बनने का गौरव हासिल किया। गौरव टीम एमआरएफ स्कोडा का हिस्सा हैं।

इस खेल में सफलता के लिए बेहतरीन फिटनेस की जरूरत होती है। तो फिर गौरव खुद को इसके लिए कैसै तैयार करते हैं? गौरव ने कहा, ‘‘यह खेल शारीरिक तौर पर काफी परीक्षा लेता है। हमे मानसिक और शारीरिक तौर पर फिट रहना होता है। इसके लिए हमें हाई इंटेंस्टी ट्रेनिंग की जरूरत होती है।’’

गौरव ने कहा, ‘‘हमारा इंड्योरेंस काफी मजबूत होना चाहिए और हम इसके लिए काफी मेहनत करते हैं। हमें इस खेल के लिए मांसपेशियों को मजबूत करने की जरूरत नहीं लेकिन हमें अंदर से मजबूत होने की जरूरत होती है। हमें सेना के लोगों की तरह होना पड़ा है जो बाहर से मजबूत नहीं दिखते लेकिन अंदर से काफी मजबूत होते हैं।’’(आईएएनएस)