जौहरियों का दावा, 85-90 फीसदी घटा कारोबार
Source : business.khaskhabar.com | Dec 01, 2016 |
नई दिल्ली। धीरसंस ज्वैलर्स के सत्यप्रकाश पांडे ने जब करोलबाग मार्केट में स्थित अपनी दुकान में किसी को आते देखा तो उनके मन में ग्राहक आने की उम्मीद जगी, जो पिछले कुछ हफ्तों से दुर्लभ हो गए हैं।
कई जौहरियों का अनुमान है कि नोटबंदी के बाद से उनकी बिक्री में 85 से 90 फीसदी की कमी आई है। हालांकि निर्यात कारोबार पर असर नहीं पड़ा है।
पांडे ने आईएएनएस को बताया, ‘‘मैंने ग्राहकों का इतना अकाल कभी नहीं देखा था। यहां तक कि ऑफ सीजन में भी इतने कम ग्राहक कभी नहीं थे। मेरा व्यापार 90 फीसदी घट गया है।’’
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) ने 85 प्रतिशत नुकसान की बात कही है। फेडरेशन ने कहा कि नोटबंदी से पहले ज्वैलरी का सालाना कारोबार 4,80,000 करोड़ रुपये का था। नोटबंदी के साथ केवल 20 दिनों में 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
जीजेएफ के अध्यक्ष जी. वी. श्रीधर ने आईएएनएस को बताया, ‘‘हम नोटबंदी के कदम का स्वागत करते हैं, क्योंकि इससे देश में भ्रष्टाचार मिटेगा। लेकिन व्यापार प्रभावित हो रहा है। शादियों का सीजन होने के बावजूद ग्राहकों में 85 फीसदी की कमी आई है।’’
देश में कुल 4.50 लाख ज्वैलर्स हैं और इस उद्योग से करीब छह करोड़ लोग प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हैं।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल के पवन शंकर पांड्या ने आईएएनएस को बताया, ‘‘निर्यात पर मामूली असर पड़ा है, क्योंकि हमें भुगतान विदेशों से प्राप्त होता है। इसके कारण छोटे और मझोले स्तर के उद्योगों के प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि कैशलेस भुगतान करने पर यह समस्या भी नहीं होगी।’’(आईएएनएस)