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देश में और ज्यादा वित्तीय समावेशन की जरूरत : अरविंद सुब्रमण्यन

Source : business.khaskhabar.com | Feb 15, 2018 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 india needs more financial inclusion arvind subramanian 294551नई दिल्ली। केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का मानना है कि वित्तीय सेवाओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाए। उन्होंने बुधवार को कहा कि इस दिशा में काफी प्रगति हुई है, लेकिन और बहुत कुछ करना बाकी है।

यहां स्टेट ऑफ द एग्नेट नेटवर्क निपोर्ट प्रस्तुत करते हुए सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि नागरिकों को जरूरी वस्तु एवं सेवाएं मुहैया कराने वाले वित्तीय समावेशन की दिशा में पहला नीतिगत कदम है।

सुब्रहमण्यन ने कहा, ‘‘सरकार की नीति का एक मकसद यह है कि लोगों को मूलभूत वस्तु व सेवाएं मिलना सुनिश्चित हो। निश्चित तौर पर वित्तीय प्रावधान विकसित करना इस दिशा में पहला कदम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास गैस सिलेंडर है तो आपको लगातार गैस खरीदना होगा। बैंक में आपके खाते हैं तो आपको असल में वित्तीय सेवा का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। आपके लिए शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन क्या उनका उपयोग हो रहा है? अगले स्तर पर हमें इस दिशा में काम करना होगा। ’’

उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन के मोर्चे पर भारत ने काफी तरक्की की है, लेकिन खाते खोलने और वास्तव में वित्तीय समावेशन का लक्ष्य हासिल करने में बहुत बड़ा फासला है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए बैंकिंग क्षेत्र के संवाददाताओं ज्यादा काम करने की जरूरत है।’’

बैंकिंग संवाददाताओं या अभिकर्ताओं को बैंक उन क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का कार्य सौंपता है, जहां बैंक नहीं हैं व बैंकों का विस्तार हो रहा है।

माइक्रोसेव व बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री की प्रमुख पहल जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों में 45 फीसदी खाते महिलाओं के खोले गए हैं, लेकिन भारत में सिर्फ आठ फीसदी बैंकिंग एजेंट महिला हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है- ‘‘अगर हम महिला ग्राहकों को सेवाओं की पेशकश करते हैं तो खासतौर से ग्रामीण इलाकों में हमें ज्यादा से ज्यादा महिला एजेंट बनाने की जरूरत है।’’

रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2015 की तुलना में 2017 में एजेंटों की औसत आय 31 डॉलर से बढक़र 93 डॉलर हो गई है, जो बांग्लादेश, इंडोनेशिया और पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा है।
(आईएएनएस)

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