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सेवाओं के व्यापार को सुविधाजनक बनाएं : निर्मला

Source : business.khaskhabar.com | Mar 24, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 facilitate business of services nirmala 188362नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेवाओं के व्यापार को सुविधाजनक बनाने की प्रासंगिकता को रेखांकित किया है, जैसा कि वस्तुओं के व्यापार के मामले में किया गया है।

यहां गुरुवार को सेवाओं के व्यापार को सुविधाजनक बनाने पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्होंने सेवाओं के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सेवाओं के सक्षम एवं उचित प्रवाह की जरूरत पर विशेष बल दिया।

उन्होंने कहा कि बाजार पहुंच का मुद्दा कोई सुविधा नहीं, बल्कि एक मसला है। ज्ञान अब उत्पादन का एक कारक बन गया है और ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि इसे कैसे नियंत्रण में रखा जाए।

भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के साथ मिलकर विश्व बैंक उन मुद्दों पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर रहा है, जिन्हें सेवा व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए सुलझाना आवश्यक है।

सेवाओं के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने एवं इसे सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से भारत ने फरवरी 2017 में डब्ल्यूटीओ में सेवा व्यापार को सुविधाजनक बनाने (टीएफएस) से संबंधित समझौते के लिए एक मसौदा कानूनी मूलपाठ तैयार करने की पहल की। इसके तहत आपूर्ति के समस्त साधनों के मार्ग में मौजूद उन अनगिनत सीमा संबंधी बाधाओं के साथ-साथ सीमा से पीछे अवस्थित बाधाओं को भी व्यापक तौर पर दूर करने का तरीका सुझाया गया है, जिनका सामना सेवा व्यापार का पूर्ण दोहन करते समय उद्योग जगत को करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भारत ने अक्टूबर, 2016 में सेवा व्यापार को सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक पहल के रूप में एक ‘अवधारणा प्रपत्र’ पेश किया था।

भारत के प्रस्तावों में डब्ल्यूटीओ के भीतर एवं बाहर काफी रुचि दिखाई गई है। इसके अनेक सदस्यों ने भारत के इस अनोखे विचार को सामने रखे जाने का स्वागत किया है। हालांकि, कुछ सदस्यों ने कई विशेष मुद्दों पर चिंता भी जताई है। भारत अपनी इस पहल को आगे ले जाने के लिए सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक विचार-विमर्श किये जाने को लेकर आशान्वित है।

माना गया कि इस कार्यशाला का आयोजन ऐसे उचित समय पर किया जा रहा है जब दुनिया भर में संरक्षणवाद को बढ़ावा देने की आवाजें उठ रही हैं। ऐसे अहम समय में विश्व बैंक जैसे संस्थानों को मुक्त एवं निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देने के लिए निष्पक्ष एवं न्यायसंगत तौर-तरीकों की पहचान करके उनका प्रचार-प्रसार करने में विशेष भूमिका निभानी है।
(आईएएनएस)

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