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घरेलू विमान यात्रियों की संख्या 23 फीसदी बढ़ी : DGCA

Source : business.khaskhabar.com | Jan 18, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 domestic air passengers increased by 23 percent dgca 158788नई दिल्ली। देश के घरेलू विमान यात्रियों की संख्या में साल 2016 में 23.18 फीसदी का इजाफा हुआ और यह 9.99 करोड़ रही। आधिकारिक आंकड़ों से मंगलवार को यह जानकारी मिली।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पिछले महीने जारी अपने सांख्यिकीय विश्लेषण में कहा, ‘‘जनवरी-दिसंबर 2016 के बीच घरेलू एयरलाइंस से कुल 9.99 करोड़ यात्रियों ने हवाई यात्रा की, जबकि इसके पहले के साल में यह संख्या 8.11 करोड़ थी। इस तरह इसमें कुल 23.18 फीसदी की बढ़ोतरी रही।’’

डीडीसीए द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, दिसंबर में घरेलू विमान यात्रियों की संख्या में 23.91 फीसदी की तेजी आई और यह 95.52 लाख रही, जबकि साल 2015 के दिसंबर में यह संख्या 77.09 लाख थी।

नवंबर में घरेलू यात्रियों की संख्या में 22.45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी और यह 89.66 लाख थी।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर में लो कॉस्ट कैरियर (एलसीसी) स्पाइसजेट का पैसेंजर लोड फैक्टर (यात्रियों की संख्या) सबसे ज्यादा 93.7 फीसदी रहा।

स्पाइसजेट के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी जी. पी. गुप्ता ने कहा, ‘‘हम न सिर्फ सबसे अच्छे ओटीपी (समय पर उड़ान) के मामले में लगातार तीसरे साल शीर्ष पर रहे हैं, बल्कि हमने लगातार 21 महीनों से 90 फीसदी से अधिक पैसेंजर लोड फैक्टर हासिल किया है।’’

एलसीसी के मामले में दूसरे नंबर पर बजट एयरलाइंस इंडिगो (91.4 फीसदी) और तीसरे नंबर पर गो एयर (90.7 फीसदी) रही।

आंकड़े से पता चलता है कि बेंगलुरू, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई के चार प्रमुख हवाईअड्डों पर 70 प्रतिशत पंक्चुअलिटी दर के साथ स्पाइसजेट विमानन उद्योग का अगुआ बना हुआ है।
 
इसके बाद जेट एयरवेज और जेटलाइट (64.3 फीसदी), विस्तारा (64.2 फीसदी), गो एयर (63.6 फीसदी), इंडिगो (61.6 फीसदी) और एयर इंडिया (59 फीसदी) का स्थान आता है।

इस दौरान सबसे ज्यादा उड़ान रद्द करनेवाली एयर लाइंस एयर कोस्टा (13.65 फीसदी), एयर कार्निवल (12.03 फीसदी), ट्रूजेट (5.01 फीसदी), इंडिगो (2.83 फीसदी), एयर इंडिया (1.91 फीसदी), जेट एयरवेज (1.77 फीसदी), स्पाइसजेट (1.66 फीसदी), जेटलाइट (1.40 फीसदी), गो एयर (0.79 फीसदी), विस्तारा (0.40 फीसदी) और एयरएशिया इंडिया (0.11 फीसदी) रही हैं।

विमानन नियामक ने अपनी विश्लेषण रपट में कहा, ‘‘साल 2016 के दिसंबर महीने में घरेलू एयरलाइंस की उड़ानों को रद्द करने की औसत दर 2.18 फीसदी रही है।’’
(आईएएनएस)

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