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कॉटन यार्न, कपड़ा निर्यात में 13 फीसदी इजाफा

Source : business.khaskhabar.com | Apr 21, 2018 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 cotton yarn textiles exports up 13 percent 308442नई दिल्ली। देश से कपड़ों के निर्यात के मामले में पिछले साल के मुकाबले इस साल मार्च का महीना उत्साहवर्धक रहा। मार्च 2018 में भारत ने 8,636 करोड़ रुपये का काटर्न यार्न, फैब्रिक्स व तैयार कपड़ों और हस्तकरघा उत्पादों का निर्यात किया जो मार्च 2017 के 5,884 करोड़ रुपये के मुकाबले 13 फीसदी अधिक है।

पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में हालांकि कुल निर्यात का मूल्य 65,969 करोड़ रुपये रहा जोकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के 66,160 करोड़ रुपये के मुकाबले 0.3 फीसदी कम है।

ये आंकड़े डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलीजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (डीजीसीआई एंड एस) की ओर से जारी किए गए हैं।

वहीं, कृत्रिम धागों, फैब्रिक्स व तैयार कपड़ों का निर्यात मार्च 2018 में 3,048 करोड़ रुपये का हुआ जोकि मार्च 2017 के 2,891 करोड़ रुपये के मुकाबले पांच फीसदी ज्यादा है। वित्त वर्ष 2017-18 में इस मद का निर्यात बीते साल के मुकाबले दो फीसदी बढक़र 31,089 करोड़ रुपये हो गया।

वहीं, जूट निर्मित वस्तुओं का निर्यात मार्च 2018 में बीते साल की समान अवधि के मुकाबले नौ फीसदी घटकर 162 करोड़ रुपये रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में जूट का निर्यात पिछले साल के मुकाबले तीन फीसदी बढक़र 2,145 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, कारपेट का निर्यात मार्च 2018 में 11 फीसदी घटकर कर 819 करोड़ रुपये मूल्य का रह गया। कारपेट का निर्यात बीते वित्त वर्ष में सालाना आठ फीसदी कम रहा।

टेक्सटाइल निर्यात मार्च 2018 में आठ फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 11,875 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, पूरे साल का निर्यात एक फीसदी घटकर 1,20,223 करोड़ रुपये रह गया।

अपैरल निर्यात का मूल्य मार्च में सबसे ज्यादा 19 फीसदी घटकर 9,695 करोड़ रुपये रह गया। पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में अपैरल का निर्यात पिछले साल के मुकाबले आठ फीसदी घटकर 1,07,679 करोड़ रुपये रह गया।

कपड़ों व धागों का कुल आयात मार्च 2018 में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दो फीसदी घटकर 1,89,271 करोड़ रुपये मूल्य का रहा, जबकि पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में पिछले साल के मुकाबले छह फीसदी बढक़र 1,52,169 करोड़ रुपये हो गया।

फेडेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) के चेयरमैन संजय जैन ने कहा कि बीते महीने कुछ मदों के निर्यात में इजाफा हुआ है वह उत्साहवर्धक जरूर है लेकिन पूरे साल का आंकड़ा देखें तो उसमें कमी ही आई है। खासतौर से अपैरल और टेक्सटाइल के निर्यात में सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘निर्यात प्रोत्साहन नहीं मिलने से यह कमी देखने को मिल रही है। हमारे प्रतिस्पर्धियों ने हमारे विदेशी बाजार ही नहीं हमारे घरेलू बाजार पर भी कब्जा कर रहे हैं।’’

वहीं, वर्धमान टेक्सटाइल्स के महाप्रबंधक ने कहा कि कॉटन यार्न के निर्यात में बढ़ोतरी निस्संदेह उत्साहवर्धक है। उन्होंने कहा कि भारत कॉटन और कॉटन यार्न का ज्यादा निर्यात करेगा तो घरेलू बाजार में कॉटन के दाम को सपोर्ट मिलेगा।
(आईएएनएस)

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