अच्छे मॉनसून,वेतन वृद्धि से बढेगी जीडीपी
Source : business.khaskhabar.com | Aug 29, 2016 |
नई दिल्ली। मौजूदा वित्त वर्ष की प्रथम तिमाही के राष्ट्रीय आय के आकडे
बुधवार को जारी होने वाले हैं, और सरकार, रेटिंग एजेंसियों, निवेश बैकरों
को उम्मीद है कि सामान्य मॉनसून और केंद्रीय कर्मचारियों की हाल की वेतन
वृद्धि के कारण भारत की जीडीपी दर अच्छी हो सकती है। सरकार को उम्मीद है कि
सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की वृद्धि 2016-17 में आठ प्रतिशत तक जा सकती है,
जो 2015-16 में 7.6 प्रतिशत थी।
केंद्रीय वित्त सचिव शक्तिकांत ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा
था,सरकार ने पिछले दो वर्षो के दौरान कई सारे संरचनागत सुधार किए थे। इन
सभी के असर अब महसूस होने लगे हैं। हमें पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी
वृद्धि दर की उम्मीद है और यह आठ प्रतिशत के करीब हो सकती है। उन्होंने कहा
था,इस वर्ष मॉनसून भी अच्छा रहा है। कृषि उत्पादन पिछले दो वर्षो की तुलना
में बेहतर होने की उम्मीद है, जिससे जीडीपी में काफी योगदान मिलेगा।
वित्तीय सेवा कंपनी, डीबीएस ने एक शोध में कहा है कि सकल मूल्य के आधार पर
भारत की वृद्धि दर जून की तिमाही में 7.4 प्रतिशत पर स्थिर हो सकती है, जो
एक वर्ष पहले समान अवधि के 7.2 प्रतिशत से मामूली अधिक है।
डीबीएस ने कहा है,वर्षोü बाद हम इस वर्ष 7.8 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर की
उम्मीद कर रहे हैं, जो वित्तवर्ष 2015-16 में 7.2 प्रतिशत था। आईएमएफ (7.4
प्रतिशत)और एशियाई विकास बैंक (7.4 प्रतिशत) ने अनुमान लगाया है कि भारतीय
अर्थव्यवस्था में पिछले वर्ष के स्तर से गिरावट रह सकती है।
लेकिन फिच रेटिंग्स जैसी अमेरिकी एजेंसी और निवेश बैंकर गौल्डमैन सैक्स का
अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर थोडी अधिक हो सकती है।
वास्तव में भारत सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर 7.9
प्रतिशत अनुमानित करने के लिए गुरूवार को गोल्डमैन सैक्स की प्रशंसा की
थी। गोल्डमैन सैक्स ने इसके लिए अच्छे मॉनसून, प्रमुख सुधारों और प्रत्यक्ष
विदेशी निवेश एफडीआई के प्रवाह में वृद्धि को कारण बताया था।
इसके पहले अगस्त में ही मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने अनुमान लगाया था कि
मौजूदा वित्तवर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत हो सकती है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय सीएसओ के आंकडे बताते हैं कि 2015-16 में रही
भारत की 7.6 प्रतिशत विकास दर के कारण देश दो साल के सूखे के बावजूद लगातार
दूसरे वर्ष सबसे तेज विकास दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
(आईएएनएस)