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मूंग की दो ऎसी प्रजातियां विकसित की है जो 55 दिन में ही तैयार होगी

Source : business.khaskhabar.com | May 13, 2014 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 Moong developed only species which will be ready in 55 daysकानपुर। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईपीआर) के वैज्ञानिकों ने मूंग की दो ऎसी प्रजातियां विकसित की है जो 55 दिन में ही तैयार हो जाएगी। अभी तक मूंग की फसल पकने में कम से कम 70 दिन का समय लगता था। जिससे 40 फीसद फसल बारिश की वजह से खराब हो जाता था।

 आइआइपीआर के वैज्ञानिकों ने मूंग की खेती के लिए आईपीएम 409-4 व आईपीएम-205-7 नामक दो नई प्रजातियां विकसित की है। मूंग की यह प्रजाति ग्रीष्म ऋतु के लिए उपयुक्त है जिसकी बोआई किसान अप्रैल में कर सकेंगे। जून में मानसून आने से पहले मूंग की इन नई प्रजातियों की फसल पककर तैयार हो जाएगी। आइआइपीआर के निदेशक डा. एनपी सिंह ने बताया कि अभी तक मूंग की जितनी भी प्रजातियां हैं उन्हें पकने में कम से कम 70 दिन का समय लगता था। जून के अंतिम सप्ताह तक आने वाले मानसून के कारण इस फसल का काफी भाग बर्बाद हो जाया करता था।

 मूंग की इन नई प्रजातियों को पकने में कम समय लगने के साथ इनके दानों में चमक भी होगी। इन दोनों प्रजातियों के दाने हरे व मध्यम आकार के होंगे। प्रजाति विकसित करने में आठ साल का समय लगा: मूंग की नई प्रजातियों को विकसित करने में वैज्ञानिकों को सात से आठ वर्ष का समय लगा है। कई अलग अलग जांचों में सफल होने के बाद अब इन प्रजातियों के परीक्षण का काम अंतिम चरणों में चल रहा है।

 किसानों तक यह प्रजातियां 2015-16 तक पहुंच जाएंगी। खास बातें: उत्पादन: इन नई प्रजातियों का उत्पादन 12 से 13 कुंतल प्रति हेक्टेयर होगा। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, केंद्रीय उत्तर प्रदेश व राजस्थान में बुवाई के लिए उपयुक्त। वर्तमान समय में पूरे देश में 28 लाख हेक्टेयर में बोई जाती है मूंग की फसल।> इन नई प्रजातियों के साथ अगले वर्ष 35 हेक्टेयर की जमीन पर मूंग की खेती की संभावना।