businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

विदेशों मे 2,000 अरब डॉलर का कालाधन!

Source : business.khaskhabar.com | Jun 21, 2014 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Black Money of 2,000 dollar in Abroadनई दिल्ली। भारतीयों का विदेशों में 2,000 अरब डॉलर (करीब 1,20,000 करोड रूपए) का कालाधन होने का दावा करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम ने सरकार को इसकी स्वैच्छिक वापसी के लिए छह माह की माफी योजना पेश करने और उसपर 40 प्रतिशत की दर से कर लगाने का सुझाव दिया है।

 एसोचैम की कानूनी मामलों की समिति के अध्यक्ष आरके हांडू ने कालेधन पर एसोचैम की अध्ययन रिपोर्ट जारी करते हुए संवाददाताओं से कहा कि विदेशों में पडे कालेधन को वापस लाने के लिए "माफी योजना एक बेहतर और व्यावहारिक योजना है।" सरकार ने 1997 में इस प्रकार की "आय की स्वैच्छिक घोषणा योजना (वीडीआईएस)" के जरिए 10,000 करोड रूपए जुटाए थे। हालांकि, योजना को लेकर विरोध के स्वर उठे और कहा गया कि यह योजना ईमानदार करदाताओं को दंडित करने कर चोरी करने वालों को प्रोत्साहन देने के समान है।

 सरकार ने बाद में उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दिया जिसमें कहा गया कि वीडीआईएस इस तरह की आखिरी योजना है और वह भविष्य में ऎसी कोई योजना नहीं लाएगी। हांडू ने इसके जवाब में कहा कि सरकार इस मामले में फिर से उच्चतम न्यायालय जा सकती है और मंजूरी ले सकती है। विदेशों में भारतीयों का 2,000 अरब डॉलर का कालाधन होने का एसोचैम का अनुमान विभिन्न रिपोटोंü में दिए गए अनुमान पर आधारित है। नरेन्द्र मोदी सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में कालेधन का पता लगाने के लिए "विशेष जांच दल-एसआईटी" गठित करने को मंजूरी दे दी थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सरकार ने यह कदम उठाया है।

एसोचैम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील कनोडिया ने उद्योग संगठन की "भारत में कालेधन की समस्या" नामक एक रिपोर्ट जारी की। इसमें सुझाव दिया गया है कि सरकार को स्वेच्छा से कालाधन देश में लाने के लिए छह माह की माफी योजना लानी चाहिए और लाए गए धन पर 40 प्रतिशत की दर से कर लगाना चाहिए। वापस लाए गए कालेधन की 10 प्रतिशत राशि "ढांचागत क्षेत्र के बॉंड पत्रों" में निवेश की जानी चाहिए।" देश में इस समय आयकर की उच्चतम दर 30 प्रतिशत है। एसोचैम ने कालाधन पैदा होने से रोकने के लिए चुनाव खर्च पर लगी सीमा को समाप्त करने और राजनीतिक फंडिंग को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया है। चुनाव लडने वाले सभी उम्मीदवारों को धन के सभी स्त्रोतों की जानकारी देने तथा गंभीर उम्मीदवारों और पार्टियों को आंशिक चुनाव खर्च देने का भी सुझाव दिया है। एसोचैम ने कहा है कि अचल संपत्ति के सौदे कालाधन पैदा होने का सबसे बडा स्त्रोत हैं। ऎसे सौदों में राशि काफी कम करके बताई जाती है।

 कालेधन पर जारी अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को पूरे देश में 3 प्रतिशत की दर से समान स्टाम्प शुल्क की शुरूआत करनी चाहिए। इसमें यह भी सुझाव भी दिया गया है कि सरकार को पिछले साल की जानकारी के आधार पर हर साल संपत्तियों के सर्किल दरों को अधिसूचित करना चाहिए ताकि सरकार की सकिल दरों और बाजार दरों में ज्यादा अंतर नहीं हो। इसके साथ ही अध्ययन में बचत के तौर पर सोने की खरीदारी को रोकने के उपायों पर जोर दिया है। परिवारों को शिक्षित किया जाना चाहिए कि वह अपनी बचत सोने-चांदी में नहीं बल्कि वैध वित्तीय साधनों में करें।